हर सुबह उठता हूँ…
चोखट पे दिया जलाता हूँ….
उसके आने का इंतज़ार है…
हर आहट पे चोंक जाता हूँ …
दिन के साथ साथ उसके सुनहरे रूप को निहारता हूँ….
वो ऐसे मुस्कुराती है वो ऐसे खिलखिलाती है….
उसकी चाल से हर धुन सजाता हूँ….
हर पल की तस्वीर बनाता हूँ…
हर आहट पे चोंक जाता हूँ…
तितलियों में उसकी शोखिओं को संभालता हूँ…
खिलते फूलों में उसकी आभा को संवारता हूँ…
उसकी खुशबू से मदमस्त पाता हूँ …
जब भी पवन के झोंके से टकराता हूँ….
हर आहट पे चोंक जाता हूँ…
घुमड़ते बादलों से गेसुओं की तस्वीर बनाता हूँ…
बिजली चमकती चूड़िओं से ऐसी याद दिलाता हूँ…
उसी के गीत गुनगुनाता हूँ …
मयूर बन झूम झूम जाता हूँ….
हर आहट पे चोंक जाता हूँ…
मैं शाम को दिया नहीं जलाता हूँ….
उसकी चमकती बिंदिया की रौशनी से….
चाँद से भी ज्यादा मोहिनी उसकी चांदनी से…
दिल के आँगन को जगमगाता हूँ….
हर आहट पे चोंक जाता हूँ…
मैं शाम को दिया नहीं जलाता हूँ…..
रात काली उसकी आँखों का काजल बनाता हूँ…
हसीं पलों की याद के आँचल से लिपट जाता हूँ…
उसकी गहरी आँखों में खो जाता हूँ…सो जाता हूँ….
सुबह होती है…उठता हूँ…चोखट पे दिया जलाता हूँ…..
उसके आने का इंतज़ार है….
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/सी.एम्. शर्मा (बब्बू)
दीवानगी का सुन्दर चित्रण बब्बू जी
स्नेह का बहुत बहुत आभार……..
बेहतरीन……………………
आपके स्नेह का दिल से आभार……
behtarin…………………lazawb………..intzar
स्नेह का बहुत बहुत आभार……..मनीजी….
मैं शाम को दिया नहीं जलाता हूँ…..
रात काली उसकी आँखों का काजल बनाता हूँ…
हसीं पलों की याद के आँचल से लिपट जाता हूँ…
उसकी गहरी आँखों में खो जाता हूँ…सो जाता हूँ….
सुबह होती है…उठता हूँ…चोखट पे दिया जलाता हूँ…..
उसके आने का इंतज़ार है….
बब्बू जी मै इन पक्तियो को पढ़कर भाव विभोर हो गया।
क्या लिखते है भाई आप। मै तो इसके इर्द गिर्द भी नहीं पर हाँ आपको नमन करता हूँ। आपकी सोच को नमन करता हूँ।
आप का बड़प्पन है…प्यार है…. सुरिंदरजी जो आपने इस नाचीज़ को दिया है….कोटि कोटि आभार…..
वाहहहहहह खूबसूरत बब्बू जी
अभिषेकजी….तहदिल शुक्रिया….आभार……..
आपकी आत्मीयता को नमन बब्बू जी …………..!!
आप के प्यार और स्नेह का मैं शब्दों में ब्यान नहीं कर सकता…..ऐसे ही किरपा बनाये रखें…मार्गदर्शन करते रहे…..भगवान् करे आपकी लेखनी नए आयाम स्थापित करे और हम कुछ सीखें उससे ऐसी बुद्धि भगवान् दे हमें….
मै तो आपकी तारीफ नही बुराई करना चाहती हु **************************************
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कुछ समझ मे आया क्या आपको । सोचिएगा जरूर ।
फिलहाल तो बेहतरीन ***** बेमिसाल ******* खुबसूरत ******* मनमोहक ******* सुंदर ********
बेहतरीन……..,खूबसूरत…….,अत्यन्त सुन्दर……, !
मीनाजी…आपके मुख से बेहतरीन निकला…मन पुलकित हुआ जान कर की मेरा लिखा सफल हुआ…तहदिल बहुत बहुत आभार…आपने यह काजल जी को लिखा है….मैंने उनकी तरफ से धन्यवाद बोल दिया…स्वीकार करें….हाहाहा
हाहाहा….काजल जी….आपने ईंट का जवाब पत्थर से दिया….आँखों के आगे तारे नज़र आने लगे दिन में…… तहदिल आभार आपका….अगर यह बुराई है तो प्रशंसा ना जाने कैसी होगी…हाहाहा…
एक श्रृंगार रस की अनुभुति प्रस्तुत की है। बहुत खूब शर्मा जी।
सर मुझे आनंद रस के इलावा कोई रस नहीं पता….तहदिल आभार आपका पसंद करने का……
हर आहट पे चोंक जाता हूँ
हर पंक्ति में चौका जमाता हूँ
सेंचुरी करने से ना बाज़ आता हूँ
जहां पड़े जरूरत तो छक्के भी लगाता हूँ
ज़बरदस्त …………………………. कमाल …………………. लाजवाब शर्मा जी !!
लाजवाबजी….लाजवाब प्रतिकिर्या…..आभार बहुत बहुत…..
शर्मा जी वो प्रतिक्रिया आप के लेखन पर ही थी वैसे काजल जी की प्रतिक्रिया भी बेहद सराहनीय थी ।
जी सही कहती हैं आप…मैं समझ गया था…पुनः धन्यवाद……….