Homeअज्ञात कवि“मेरी तन्हाई “ “मेरी तन्हाई “ Kajalsoni अज्ञात कवि 28/07/2016 12 Comments मुसाफ़िर थे उन रास्तो के जो सफर चाहते रहे । गुमनाम गलियो मे इक हमसफर चाहते रहे । तुम्हे तो हमारी खबर ही न थी , पर जैसे चाहता है चांद अपनी चाँदनी को , हम तुम्हे इस कदर चाहते रहे । । ” काजल सोनी ” Tweet Pin It Related Posts बकरीद की शुभकामनाएं…RaquimAli हर एक दुष्ट जेहादी को उसकी अवकात दिखानी होगी टूटी चूड़ी……. तेरी याद About The Author Kajalsoni 12 Comments Shishir "Madhukar" 28/07/2016 बेहतरीन ……………………… Reply Kajalsoni 29/07/2016 शिशिर जी कोटी कोटी धन्यवाद आपका । Reply विजय कुमार सिंह 28/07/2016 बहुत खूब …………………… Reply Kajalsoni 29/07/2016 विजय जी धन्यवाद आपका । Reply सुरेन्द्र नाथ सिंह कुशक्षत्रप 28/07/2016 काजल जी बेहतरीन……. आप कुछ और भी तरह की रचनाओ को भी लिखिए जैसा पहले करती थीं। Reply Kajalsoni 29/07/2016 सुरेंद्र जी सुंदर प्रतिक्रिया के लिए धन्यवाद आपका । मै कुछ और रचना बना ही रही हु सुरेंद्र जी । जल्द ही प्रकाशित होती । धन्यवाद आपका । Reply निवातियाँ डी. के. 28/07/2016 चाहत से भरे खूबसूरत भाव ………!! Reply Kajalsoni 29/07/2016 निवातिया जी बहुत बहुत आभार आपका । Reply Meena bhardwaj 28/07/2016 Nice…………, Reply Kajalsoni 29/07/2016 मीना जी तहे दिल से शुक्रिया आपका । Reply C.m.sharma(babbu) 28/07/2016 मुझे कुछ् समझ नहीं आया?….हां हा हा …..बेहतरीन….क्या चाहत है….वाह…. Reply Kajalsoni 29/07/2016 क्या सर्मा जी सिर के ऊपर से पार हो गयी मेरी रचना । अब धन्यवाद तो कहना ही पड़ेगा । फिलहाल धन्यवाद आपका । Reply Leave a Reply to Kajalsoni Cancel reply Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.
बेहतरीन ………………………
शिशिर जी कोटी कोटी धन्यवाद आपका ।
बहुत खूब ……………………
विजय जी धन्यवाद आपका ।
काजल जी बेहतरीन…….
आप कुछ और भी तरह की रचनाओ को भी लिखिए जैसा पहले करती थीं।
सुरेंद्र जी सुंदर प्रतिक्रिया के लिए धन्यवाद आपका ।
मै कुछ और रचना बना ही रही हु सुरेंद्र जी ।
जल्द ही प्रकाशित होती ।
धन्यवाद आपका ।
चाहत से भरे खूबसूरत भाव ………!!
निवातिया जी बहुत बहुत आभार आपका ।
Nice…………,
मीना जी तहे दिल से शुक्रिया आपका ।
मुझे कुछ् समझ नहीं आया?….हां हा हा …..बेहतरीन….क्या चाहत है….वाह….
क्या सर्मा जी सिर के ऊपर से पार हो गयी मेरी रचना ।
अब धन्यवाद तो कहना ही पड़ेगा ।
फिलहाल धन्यवाद आपका ।