जीत में वो मजा कहाँ
कभि हारकर भी देखो
करे जो कभि डूब जाने का मन
सच कहती हूँ प्यार कर के देखो
कितना सुन्दर होता है
किसिका दिल को छू जाने का एहसास
किसी के प्यार में खुद को डुबाकर के देखो
माना की कठिन है इज़हार-ए मोहब्बत
माना की सब उठाना न चाहे ये ज़हमत
पर है ये एहसास खुदा का दिया तोहफा
उसकी हामी पाना ही क्यूँ हो अपनी इल्तज़ा
कभि उसके इनकार को भी स्वीकार करके देखो
उसकी हसी में डूब जाने का जो मन करे
उसकी इनकार से रूठ जाने का जो मन करे
उसकी चूड़ियों की खनक दिल में लिए
उसे टूट कर प्यार करने का जो मन करे
इतने खुबसूरत एहसासों को दिल में क्यूँ दबाएँ
कहे वो चाहे जो भी
एकबार इज़हार करके देखो
उसकी जरा सी तकलीफ से ये आँखे रो पड़ती है
उसके होने के एहसास से ही ये साँसें चलती है
है ये एहसास कितने ख़ास
हकीकत के चश्मे को उतार करके देखो…….
bahut sunder………………..
thank you mani ji…
बहुत खूब…………………………..
thanku so much for ur appreceation….
बहुत शानदार …………
Thank you shrma ji
Shrija its a beautifl write. Love is filled in every word except few typos.
i am sorry madhukar ji… i didn’t get what you want to say…. but thanks for your attention
बहुत प्यार भरी रचना है……बहुत ही खूबसूरत….
thank you so much…
श्रीजा कुमारी जी प्यार काअहसास जीवन में हर कमी को भर देता है
absolutely….
बहुत खूबसूरत मनोभाव श्रीजा जी ……ह्रदय से निकलते खूबसूरत जजबात ……..बस थोड़ा सा टाइपिंग में हुई त्रुटियों पर ध्यान दे जिससे रचना को पढने में और आनंद मिलेगा !!
thank you D.K ji for ur valuable advice….
बहुत ही खूबसूरत रचना मोहब्बत का इज़हार करने के लिए ………………………. बहुत बढ़िया श्रीजा जी !!
Thank you so much sarvajit ji for your comment…
Nice one…….,
thanks meena ji…..
बहुत ही प्रेम भरी मनमोहक रचना ।
ohh thank you kajal ji….