कर्म पुंजी है
मेहनत मार्ग है मंजिल की
बल हमारी एकता
एक ताकत है
तकदीर बदलने की।
मेल.मुहब्बत
समन्वय का प्रतिक है
शक्ति जिसकी आॅखें
मेल के बिना कोई खेल नहीं
किसी कि उन्नति
किसी कि तरक्की
किसी का उत्थान नहीं।
जिंदगी
उनके अलग.अलग रास्ते
या फिर और कुछ
बन नहीं सकती
बिन मेल की गाड़ी
बिन मेल की मुहब्बत।
विखर जाती है जिंदगी
टूट जाते हैं सपनें
मिट्टी और शीशे कि तरह
अलग हो कर
हम आप और वो
रह जाते है किनारे
किसी कचरे में।
कोई भी
कुछ भी नहीं कर सकता
इस पात्र से जुड़िये
आत्मा कि प्यास
दिल की धड़कन
ताक पर रख दीजिए।
दिल जोड़ने वाला
नायक
हर काम बनाने वाली
यही एकता
यही कर्म
और यही मेहनत है।
प्रेम सिखलाने वाला महा प्रसाद
महा मंत्र बतलाने वाला
एक यंत्र
जो हमें देता है
कभी न खत्म होने वाला
एक शिलशिला।
बी पी शर्मा बिन्दु
बहुत ही खूबसूरत भाव……..
Babbu jee – bahut hi sukra gujar hun aapke badhai ke liye.
Thank you sir for your cooperation .
ati sunder bindu ji…………..
Pratikriya ke liye bahut dhanyabad sir
beautiful……………….Bindu !
Bahut – bahut sukriya sir.
बहुत ही अच्छी रचना बिन्दु जी ।
kajal jee aapke protshan ke liye bahut dhanyabad.
कमाल की रचना है …….
Dr. Sahab – aapke protshahana ke liye dil se aabhar .thank you.