( साहित्य विधा से दूर हटकर कुछ मनोविनोद के पल जी ले, इसी संदर्भ में एक गीत को प्रस्तुति आप सब की नजर )
यू आर माई गर्ल फ्रेंड,
और मैं तेरा बॉय फ्रेंड
लिव इन टूगेदर बेबी
होल्ड योर हैंड इन हैंड..!!
यू आर माई …………………….इन हैंड..!!
ग्रीन ग्रीन ग्रास होगी
उसपे लीला रास होगी
मस्ती के महासागर में
डूबकर हो जाएंगे फैंट !!
यू आर माई …………………….इन हैंड..!!
तेज हवा बहती होगी
बारिश भी होती होगी
भीगे बदन होंगे अपने
दांतो की किट- २ से बजेगा अपना बैंड
यू आर माई …………………….इन हैंड..!!
शाम का खुशनुमा शमां होगा
ओसियन में डूबता सन होगा
वी आर सीटिंग ऑन दा बीच
दा वेव्स आर सिंगिंग सरगम विथ सैंड
यू आर माई …………………….इन हैंड..!!
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डी. के, निवातिया[email protected]
हा हा हा हा…..कमाल ही कर दिया….आप हर कला में माहिर हो…..अभी अभी आपने गोलमाल किया पंक्ति चेंज की….लाजवाब…..क्या कहने…यह सब गर्ल फ्रेंड का कमाल है….
बहुत बहुत धन्यवाद बब्बू जी …………कमाल तो आप लोगो की ऊर्जावान प्रतिक्रियाओ का है जो कल्पनाशीलता को बल प्रदान करती है और इस तरह की रचनाये बरबस ही निकल आती है …… आपकी हंसकर दी गयी प्रतिक्रिया अनायास चेहरे पर मुस्कराहट के भाव पैदा कर देती है …..तहदिल से शुक्रिया आपका ………… गलती सुधारने को आप गोलमाल कहे तो नाइंसाफी है !!
सर बिलकुल सही कहा….मैं अपने शब्द वापिस लेता हूँ…गुस्ताखी माफ़….
गुस्ताखी कहकर हमे शर्मिंदा न करे आपके भाव सदैव सकारात्मक होते है जो स्वत्: ही हृदय को भाते है !
सर, सावन का आप भरपूर आनंद उठा रहे हैं. अति सुंदर…………………
हाहाहा ……हमने सोचा आपको भी इस आनंद का भागीदार बनाया जाए विजय …..बहुत बहुत धन्यवाद आपका !!
क्या बात है ****** क्या बात है ********
पुरा माहौल खुशनुमा हो गया ।
आपका गीत तो सुपर डुपर हिट है ।
रचना आप पाठको की कसौटी पर खरी उतरे इससे बढ़कर प्रसन्नता कुछ भी नही …..मंत्रमुग्ध करती प्रतिक्रिया के लिए बहुत बहुत धन्यवाद काजल !
बहुत बढ़िया निवतिया जी कभी कभी ये भी होना चाहिए
यथोचित शिशिर जी …………..शुक्रिया आपका !!
वाह ! निवितिया साहब आपकी रचना बहुत-बहुत अच्छी है l कमाल कर दिया l
रचना पसंद कर अमूल्य प्रतिक्रिया के लिए ह्रदय से आभार राजीव जी !!
डी.के.जी बहुत ही खूबसूरत रचना———-‘
बहुत बहुत धन्यवाद दुष्यन्त ……!!
वाह वाह क्या कमाल की लेखनी आपने पेश की है…………….बहुत खूब सर
बहुत बहुत धन्यवाद मनी ………….!!
Very nice and romantic…Sir..
Thanks to prefer composition……….Dr. SWATI
आज तो मस्ती होगी ग्रेट ग्रैंड
यू आर …….……….इन हैंड..!!
क्या बात है निवतियाँ जी ………………….. लाजवाब !!
रचना पसंद कर सराहने के लिए धन्यवाद सर्वजीत जी !!
हास्य के बिना जीवन अधुरा है निवातियाँ जी।। आज ही मैंने एक इंटरव्यू सुना जानी वॉकर जी का जिनसे पूछा गया की हँसी का जीवन या फिल्म में क्या रोल होता है, तो उनका जबाब था की जो नमक का भोजन में रोल होता है , वही रोल हास्य का होता है किसी भी फिल्म या जीवन में। सब इसे स्वादानुसार लेते है।
आपकी रचना की बात करे तो हिंदी English मिश्रित प्रथम चार पन्क्तियो से जो हास्य उत्प्प्न हुवा वह उस पाठक को भी अंत तक रचना पढने को मजबूर कर दिया, जो शुरू के कुछ पंक्तियाँ पढकर चलते बनते है। और शायद एक रचनाकार की यह एक बड़ी जीत है। जब से मै संकलन पर आया तब से यह आपकी दूसरी हास्य रचना पढ़ रहा हूँ। मै खुद हास्य विधा को बहुत पसंद करता हूँ। और यह भी जानता हूँ की एक humour के द्वारा हास्य रचना में उत्त्पन करना आसान नहीं होता। आप प्रशंशा के पात्र है।
सत्य कहा आपने सुरेंद्र …..हास्य बिना जीवन नीरस होता है ………..वर्तमान युग में सम्पूर्ण भौतिक संसाधनों से परिपूर्ण होते हुए भी मनुष्य मुख पर प्रसन्न लाने के लिए बहाने ढूंढता है ……कोई लाफ्टर थेरेपी प्रयोग में लाता है कोई अन्य तरीके अपितु वास्तविक मुस्कान से फिर भी वंचित है …आपसी मनोविनोद से जो आन्दानुभूति होती वह कोई मूल्य चुकाकर प्राप्त नही होती ! ………. रचना के सन्दर्भ में विस्तृतमक प्रतिक्रिया के लिए ह्रदय आभार एव पुनः धन्यवाद आपका !!
जब मैंने इसे पढ़ा
क्या कहूँ निशब्द रह गया।
क्या ऐसा भी ……!???
वाह
नई लज़ीज
जायकेदार
बहुत खूब सर!
आपके स्नेहिल वचनो का बहुत बहुत धन्यवाद अरूण ……हा हा हा ……..ऐसा वैसा कुछ नही बस जो कलम को भाता है कागज पर उतर आता है ।।