Homeअज्ञात कविपद्य-श्रीकृष्ण स्तुति-रामबली गुप्ता पद्य-श्रीकृष्ण स्तुति-रामबली गुप्ता रामबली गुप्ता अज्ञात कवि 26/07/2016 15 Comments मुरलीधर धर मुरली अधरन, ग्वालिंन को नचावत हो। विश्वम्भर भर प्रेम हृदय में, राधा को रिझावत हो। चक्रपाणि पाणि चक्र धर, तुम अधर्म मिटावत हो। दामोदर दर-दर भटकूँ मैं, क्यों न मोहि उबारत हो? रचना-रामबली गुप्ता Tweet Pin It Related Posts आत्मा की पहचान – बिन्देश्वर प्रसाद शर्मा – बिन्दु दया धर्म को बस अपना लो – अनु महेश्वरी दोहा ग़ज़ल – बिन्देश्वर प्रसाद शर्मा – बिन्दु About The Author रामबली गुप्ता 15 Comments babucm 26/07/2016 वाह…..भक्ति भाव से याचना के लफ्ज़ रोम रोम में उत्तर गए….बेहतरीन….. Reply रामबली गुप्ता 26/07/2016 अतिशय आभार आदरणीय Reply रामबली गुप्ता 26/07/2016 आपका बहुत बहुत आभार Reply विजय कुमार सिंह 26/07/2016 भक्ति भाव को उद्घृत करती रचना………..बहुत खूब…………. Reply रामबली गुप्ता 26/07/2016 हार्दिक आभार आद० विजय कुमार जी Reply निवातियाँ डी. के. 26/07/2016 ह्रदय को छूते खूबसूरत भक्तिमय भाव !! Reply रामबली गुप्ता 26/07/2016 अतिशय आभार आदरणीय Reply Shishir "Madhukar" 26/07/2016 आपकी रचनाए बहुत बहुत खूबसूरत हैं. कृष्ण भक्ति का आनंद तो ब्रज भाषा में ही है. Reply रामबली गुप्ता 26/07/2016 हार्दिक आभार आद० शिशिर जी Reply अभिषेक शर्मा ""अभि"" 26/07/2016 बेहतरीन…..सर…. Reply रामबली गुप्ता 26/07/2016 रचना पर प्रतिक्रिया के लिए सादर धन्यवाद Reply Meena bhardwaj 26/07/2016 आत्मविभोर करती सुन्दर रचना!! Reply रामबली गुप्ता 26/07/2016 हार्दिक आभार आदरणीया मीना जी Reply Kajalsoni 26/07/2016 शब्दो मे भाव है या भाव मे शब्द ****** खुबसूरत रचना सर । Reply रामबली गुप्ता 26/07/2016 रचना पर आपकी स्नेहिल सराहना के लिए हृदय से आभार आदरेया काजल सोनी जी Reply Leave a Reply Cancel reply Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.
वाह…..भक्ति भाव से याचना के लफ्ज़ रोम रोम में उत्तर गए….बेहतरीन…..
अतिशय आभार आदरणीय
आपका बहुत बहुत आभार
भक्ति भाव को उद्घृत करती रचना………..बहुत खूब………….
हार्दिक आभार आद० विजय कुमार जी
ह्रदय को छूते खूबसूरत भक्तिमय भाव !!
अतिशय आभार आदरणीय
आपकी रचनाए बहुत बहुत खूबसूरत हैं. कृष्ण भक्ति का आनंद तो ब्रज भाषा में ही है.
हार्दिक आभार आद० शिशिर जी
बेहतरीन…..सर….
रचना पर प्रतिक्रिया के लिए सादर धन्यवाद
आत्मविभोर करती सुन्दर रचना!!
हार्दिक आभार आदरणीया मीना जी
शब्दो मे भाव है या भाव मे शब्द ******
खुबसूरत रचना सर ।
रचना पर आपकी स्नेहिल सराहना के लिए हृदय से आभार आदरेया काजल सोनी जी