लब पर तेरा नाम आयें तो मुस्कुरा लेते है
तड़प दिल की दुनिया से छुपा लेते है
याद आयें तो पीते नहीं मैखाने में जाम
तेरी तस्वीर देख-देख रात गुजार लेते है
ज़िंदगी के किसी मोड़ पर मिल तो सही
उलझन चाहत की मिल के सुलझा लेते है
शिकवें हर ग़म भूला के सीने से लगा ले
अमिट प्रीत की डोरी फ़िर से बाँध लेते है
दरम्यां मिट जाएगी,नफ़रत दिल का धूल जाएगा
आ एक दूसरे के दिल को घर बना लेते है
कवि :-दुष्यंत कुमार पटेल “चित्रांश”
वाह क्या बात है…….बहुत ही खूबसूरत…..बस आप हिंदी टाइपिंग करते समय थोड़ा ध्यान दीजिये…उसकी वजह से थोड़ी असमंजसता होती….
मैंने हिंदी को थोड़ा ठीक कर के लिखा है…आप देखिये इसे….
लब पर तेरा नाम आयें तो मुस्कुरा लेते है
तड़प दिल की दुनिया से छुपा लेते है
याद आयें तो पीते नहीं मैखाने में जाम
तेरी तस्वीर देख-देख रात गुजार लेते है
ज़िंदगी के किसी मोड़ पर मिल तो सही
उलझन चाहत की मिल के सुलझा लेते है
शिकवें हर ग़म भूला के सीने से लगा ले
अमिट प्रीत की डोरी फ़िर से बाँध लेते है
दूरी मिट जाएगी,नफ़रत दिल का धूल जाएगा
आ एक दूसरे के दिल को घर बना लेते है
धन्यवाद मेरा प्रयास रहेगा की हर दिन कुछ न कुछ सुधार हो आभार दिल से
बहुत सुंदर रचना दुष्यंत जी ।
धन्यवाद काजल जी आभार
सुंदर…………………..
अति उत्तम बधाई
बहुत खूबसूरत …………..!!
behtarian…….
आप सभी मित्रों का दिल से आभार आप सभी का इतना प्यार पाके आगे प्रयास हमेशा रहेगा मै हर दिन और अच्छा लिख सकू धन्यवाद
sundar dushyant ji……………..
बहुत अच्छा प्रयास है दुष्यंत जी……..
सोनित जी ,सुरेन्द्र जी दिल से आभार