ऐ खुदा तू बस इतना कर दे ।
सबके दामन खुशिया भर दे ।।
जग में रहे न कोई भूखा नंगा ।
तन मन से सबको खुश कर दे ।।
दुनिया में जो कातिल जुल्मी ।
उनके भेजे में सदबुद्धि भर दे ।।
प्रेम की भाषा सब मिलअर बोले
दिमाग से नफरत की छुट्टी कर दे ।।
द्वेष भाव ना किसी हृदय पनपे
भावोको इतना संचित कर दे ।।
जात पात न हो भेद ऊँच नीच का
जग में इंसानियत का संचार कर दे ।।
सत कर्म की सब राह अपनाये
दुष्कर्मो से ऐसा मनविमुख कर दे ।।
हाथ जोड़ विनती करता हूँ भगवन
सबके संग मेरा भी उद्धार कर दे ।।
जग में बुरा न मैं रहू ,ना जग ये बुरा होये
सतमार्ग पर सदा चलूं मुझको ऐसा वर दे !!
डी. के. निवातियाँ[email protected]??
वाह निवितिया साहब क्या वर माँगा है दुश्मनो के लिए भी सजा नहीं सत्बुद्धि मांगी बहुत खूब lसब आपके जैसे हो जाये तो चारो तरह शांति और प्यार ही छायेगा
आपकी ऊर्जावान प्रतिक्रिया का बहुत बहुत धन्यवाद !!
बहुत ही सुंदर…………..काश ! सभी इस भाव को अपनाते ………
आपकी ऊर्जावान प्रतिक्रिया का बहुत बहुत धन्यवाद !!
सुंदर भावपूर्ण रचना
आपकी स्नेहिल प्रतिक्रिया का बहुत बहुत धन्यवाद …….निरन्तर दृष्टि बनाये रखे !!
ति उत्तम रचना बधाई निवातियाँ जी
बहुत बहुत धन्यवाद आपका …….!!
अति उत्तम ……….
बहुत बहुत धन्यवाद आपका …….!!
बहुत खूब निवातिया सर
बहुत बहुत धन्यवाद आपका …….!!
सुन्दर भावों से सजी सुन्दर प्रार्थना !!
बहुत बहुत धन्यवाद आपका …….!!
sir apki parathna jaldi se kabool ho jaye………………………bahut badiya
बहुत बहुत शुक्रिया मनी …….आप जैसे युवाओ की सहमति ही कबूल होने का प्रमाण है।
बेहतरीन पवित्र भावों से ओतप्रोत रचना ….हर एक लफ्ज़ जिसका मोती जड़ा….अतुलनीय……..नमन आपकी रचना…आपकी भावनाओं को……दुआ है आपकी भावनाएं फलित हों…..
आपकी ह्रदय को प्रफुल्लित कर देने वाले खूबसूरत वचनों का बहुत बहुत धन्यवाद .बब्बू जी !!
nice wishes…………………
बहुत बहुत धन्यवाद आपका शिशिर जी !
काश ऐसी प्रार्थना सभी की हो । बहुत बहुत बढ़िया लिखा आपने ।
बहुत बहुत धन्यवाद काजल ……….।।
पवित्र मन से निकले हुए पवित्र शब्द ……………………………….. लाजवाब निवतियां जी !!
हे भगवन तू मोहे ऐसा वर दे
हर किसी के दिल में अमन शांति और प्यार ही प्यार भर दे
पवित्र हृदय से कामना की जाये या दुआ दी जाये अवश्य पूर्ण होती है…….आपकी आत्मीयता से परिपूर्ण सत वचनो का हृदय से आभारी सर्वजीत जी ।।
अपने लिए तो सभी मागते है
मांग गर मांगना है औरो के लिए
निवातियाँ जी काश आपकी मुरादे पूरी होवे। एक नेक इन्सान की ख्वाइस इस रचना में उभर कर आती है!
आपकी दरियादिली से पूर्तदान वचनों का तहदिल से स्वागत और बहुत बहुत धन्यवाद सुरेंद्र !!