Homeअज्ञात कवि“मेरी तन्हाई “ “मेरी तन्हाई “ Kajalsoni अज्ञात कवि 24/07/2016 16 Comments तड़प बहुत थी उनकी मोहब्बत मे, पर वो जान न पाये । गैर समझते रहे हमे , अपना हमे मान न पाये । इक दिन दूर चले जाएंगे , उनकी नजरो से , और वो कहेंगे खुदा से, हमे हमारी मोहब्बत लौटा दो , हम उन्हे पहचान न पाये । । “काजल सोनी “ Tweet Pin It Related Posts सोचता हूँ…….. काजल सोनी कॉलेज विदाई समारोह Nani Maa About The Author Kajalsoni 16 Comments Shishir "Madhukar" 24/07/2016 बेहद दर्द और आस भरी खूबसूरत रचना काजल जी Reply Kajalsoni 25/07/2016 धन्यवाद आपका शिशिर जी । Reply babucm 24/07/2016 क्या कमाल की रचयिता हैं आप…..मोहब्बत…चाहत… उम्मीद…..लाजवाब……निराली….? Reply Kajalsoni 25/07/2016 सर्मा जी शुक्रिया आपका । Reply निवातियाँ डी. के. 24/07/2016 मुहब्बत की कसक के दर्द को समेटकर शब्दो की धारा मे प्रवाहित करने का अनुठा अंदाज ….अति सुंदर काजल ।। Reply Kajalsoni 25/07/2016 उत्साहित करने हेतु शुक्रिया आपका । Reply सुरेन्द्र नाथ सिंह कुशक्षत्रप 24/07/2016 मोहब्बत जान न पाए, ….. मान न पाए…. पहचान न पाए…… क्या खूबसूरती से लिखा आपने काजल जी! Reply Kajalsoni 25/07/2016 सुरेंद्र जी मेरी रचना पढ़ने और प्रतिक्रिया देने का बहुत बहुत धन्यवाद । Reply रामबली गुप्ता 25/07/2016 काजल जी बहुत ही भावपूर्ण सम्प्रेषण। हृदय से बधाई लीजिये। Reply Kajalsoni 25/07/2016 बधाई देने का शुक्रिया आपका । Reply mani 25/07/2016 bahut khub kajal ji………………… Reply Kajalsoni 25/07/2016 मनी जी कोटी कोटी धन्यवाद आपका । Reply विजय कुमार सिंह 25/07/2016 मोहब्बत के दर्द भरे भावों को उद्घृत करती रचना…………………… Reply Kajalsoni 25/07/2016 धन्यवाद आपका विजय जी । Reply Meena bhardwaj 25/07/2016 Very nice………, Reply Kajalsoni 25/07/2016 बहुत बहुत शुक्रिया मीना जी । Reply Leave a Reply to विजय कुमार सिंह Cancel reply Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.
बेहद दर्द और आस भरी खूबसूरत रचना काजल जी
धन्यवाद आपका शिशिर जी ।
क्या कमाल की रचयिता हैं आप…..मोहब्बत…चाहत… उम्मीद…..लाजवाब……निराली….?
सर्मा जी शुक्रिया आपका ।
मुहब्बत की कसक के दर्द को समेटकर शब्दो की धारा मे प्रवाहित करने का अनुठा अंदाज ….अति सुंदर काजल ।।
उत्साहित करने हेतु शुक्रिया आपका ।
मोहब्बत जान न पाए, …..
मान न पाए….
पहचान न पाए……
क्या खूबसूरती से लिखा आपने काजल जी!
सुरेंद्र जी मेरी रचना पढ़ने और प्रतिक्रिया देने का बहुत बहुत धन्यवाद ।
काजल जी बहुत ही भावपूर्ण सम्प्रेषण। हृदय से बधाई लीजिये।
बधाई देने का शुक्रिया आपका ।
bahut khub kajal ji…………………
मनी जी कोटी कोटी धन्यवाद आपका ।
मोहब्बत के दर्द भरे भावों को उद्घृत करती रचना……………………
धन्यवाद आपका विजय जी ।
Very nice………,
बहुत बहुत शुक्रिया मीना जी ।