Homeवेद प्रकाश राय 'मोनू'रविवार रविवार वेद प्रकाश राय वेद प्रकाश राय 'मोनू' 24/07/2016 8 Comments एक रविवार ही है जो रिश्तों को संभालता है वरना बाकि दिन तो किश्तों को संभालने में लग जाते हैं।। Tweet Pin It Related Posts सिपाहीं कैसी टुटे हुए फूलों About The Author मोनू बहुत मुश्किल है उस शख़्स को गिराना, चलना जिसे ठोकरों ने सिखाया हो.... 8 Comments C.m.sharma(babbu) 24/07/2016 वाह…..क्या बात है Reply सोनित 24/07/2016 wah wah ..kya bat………….. Reply mani 24/07/2016 hahahahaha………..bahut badiya sir……. Reply सुरेन्द्र नाथ सिंह कुशक्षत्रप 24/07/2016 काफी हद तक और शहरी जीवन के लिहाज से सत्य प्रतीत होता है। पर ग्रामीण अल्हड जीवन में क्या रविवार क्या बुधवार……! Reply निवातियाँ डी. के. 24/07/2016 अच्छा व्यंग …………।। Reply Shishir "Madhukar" 24/07/2016 Well said…………….. Reply Kajalsoni 24/07/2016 सच लिखा आपने क्या बात । Reply वेद प्रकाश राय 25/07/2016 धन्यवाद आप सबको Reply Leave a Reply Cancel reply Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.
वाह…..क्या बात है
wah wah ..kya bat…………..
hahahahaha………..bahut badiya sir…….
काफी हद तक और शहरी जीवन के लिहाज से सत्य प्रतीत होता है। पर ग्रामीण अल्हड जीवन में क्या रविवार क्या बुधवार……!
अच्छा व्यंग …………।।
Well said……………..
सच लिखा आपने क्या बात ।
धन्यवाद आप सबको