Homeअज्ञात कवि“पत्थर के दिल “ “पत्थर के दिल “ Kajalsoni अज्ञात कवि 24/07/2016 10 Comments बनाई थी पत्थर की मुरत , तुझे पूजने के लिए , भगवान इस संसार मे । पर क्या खता हुई हमसे, जो बना दिये तुने पत्थरो के दिल, हर एक इंसान मे । । “काजल सोनी “ Tweet Pin It Related Posts बॉर्डर आउट पोस्ट हर एक दुष्ट जेहादी को उसकी अवकात दिखानी होगी जमाने की सूरत About The Author Kajalsoni 10 Comments Shishir "Madhukar" 24/07/2016 Terse and marvellous piece of work. Reply Kajalsoni 25/07/2016 शिशिर जी आपका कोटी कोटी धन्यवाद । Reply C.m.sharma(babbu) 24/07/2016 Laajwaab………… Reply Kajalsoni 25/07/2016 शुक्रिया सर्मा जी । Reply निवातियाँ डी. के. 24/07/2016 बहुत उम्दा काजल …….आपकी विचारशीलता कमाल की है। Reply Kajalsoni 25/07/2016 तारीफ के लिए और उत्साहवर्धन का दिल से धन्यवाद । Reply सुरेन्द्र नाथ सिंह कुशक्षत्रप 24/07/2016 बहुत बेहतरीन काजल जी, आपकी कलम की धार निखर गयी है! Reply Kajalsoni 25/07/2016 आप लोगो से ही सिख रही हु सुरेंद्र जी धन्यवाद आपका । Reply mani 25/07/2016 bahut badiya vichar kajal ji…….. Reply Kajalsoni 25/07/2016 धन्यवाद आपका मनी जी । Reply Leave a Reply to Kajalsoni Cancel reply Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.
Terse and marvellous piece of work.
शिशिर जी आपका कोटी कोटी धन्यवाद ।
Laajwaab…………
शुक्रिया सर्मा जी ।
बहुत उम्दा काजल …….आपकी विचारशीलता कमाल की है।
तारीफ के लिए और उत्साहवर्धन का दिल से धन्यवाद ।
बहुत बेहतरीन काजल जी, आपकी कलम की धार निखर गयी है!
आप लोगो से ही सिख रही हु सुरेंद्र जी धन्यवाद आपका ।
bahut badiya vichar kajal ji……..
धन्यवाद आपका मनी जी ।