हमारा साथ ही हमें एक बनाता है
हम साथ रहे तो कोई हमें तोड़ नहीं सकता
हम साथ है तो सारी परेशानी हल हो जाती है
हम साथ है तो इस बुनियाद को कोई नहीं हिल सकता
हम साथ है तो आज है
हम साथ है तो कल है
इस को याद करके क्या फायदा क्यों की ये आज नहीं ये बिता हुआ कल है
ये पक्तिया आज की पीड़ी और पुरानी पीड़ी का अंतर है
clear nahi lag raha……bhai sorry
संतोष मनोभाव बहुत खूबसुरत हे …लेकिन जो आप कहना चाहते उसके अनुरूप रचना मे तालमेल नही बन पाया हे । प्रयास अच्छा है …..जारी रखे ।