अब न कोई ख़्वाब आँखों में होगा
हर दर्द मोहोब्बत का दिल में होगा
हरगिज न होगी जरुरत किसीकी
हर वक्त वो साथी खयालो में होगा
न होगी चाहत कोई न आसमां होगा
हर तरफ धुँवा ख़ाक दिल का होगा
खुद हँसता है दिल अपने मर्ज पर
सोचा न था दर्द इतना बेवफा होगा
चलो अच्छा है तस्सली तो मिल गई
हर सफर जिंदगी का अकेला होगा
अब न उम्मीद किसी हमसफ़र की
हर मंजिल पे खड़ा टूटा सपना होगा
मान गया मैं तक़दीर के फैसले को
अब न कोई फैसला मेरा अपना होगा
जिस डगर ले जाये किस्मत की लकीरें
वही डगर अब से मेरा नया पता होगा
हर कोई चला जब छोड़ कर हात मेरा
फिर क्यू किसी रिश्ते पर ऐतबार होगा
एकांत में जीना सीख लिया ‘शशि’ ने
अब से एकांत ही मेरा नया नाम होगा
अब से एकांत ही मेरा नया नाम होगा
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शशिकांत शांडिले, नागपूर
भ्र.९९७५९९५४५०
very nice brother…..
अति सुन्दर………….
mani जी babucm जी बहुत बहुत आभार!