Homeअज्ञात कविप्यार प्यार santosh71 अज्ञात कवि 22/07/2016 3 Comments इस प्यार को पाने के लिए क्या नहीं किया अपने अस्को को भी खून समज कर पिया इस प्यार की चाहत ने मुझे भुला दिया मगर पता नहीं की खूदा ने मुझे तुमसे क्यों मिला दिया ये मेरा प्यार ही था की मैं तुम्हारे साथ हू तुम्हारे साथ के बिना मैं बर्बाद हू Tweet Pin It Related Posts दादी के साठ हांथी जयचंदों से हारे हैं:अनन्य बेजुबान (on Bakra Eid krbaani innocent Bakra ) About The Author santosh71 Graduation : B.E (Comp. Sci.) form Gwalior (M.P.) Prently Working : Central Excise Dept . Chennai Post : Inspector email : [email protected] mob: : 9479726189 3 Comments विजय कुमार सिंह 22/07/2016 प्यार में खून नहीं पीते……….पंक्तियों को थोड़ा दुरुस्त करें तो भाव बेहतर उभरेंगे……….. Reply mani 22/07/2016 gustakhi maaf sudhar mangati hai apki rachna…… Reply निवातियाँ डी. के. 22/07/2016 उपर्युक्त सुधीजनो के सुझाव पर अमल करे !! Reply Leave a Reply to निवातियाँ डी. के. Cancel reply Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.
प्यार में खून नहीं पीते……….पंक्तियों को थोड़ा दुरुस्त करें तो भाव बेहतर उभरेंगे………..
gustakhi maaf sudhar mangati hai apki rachna……
उपर्युक्त सुधीजनो के सुझाव पर अमल करे !!