Homeअज्ञात कवि” मेरी तन्हाई “ ” मेरी तन्हाई “ Kajalsoni अज्ञात कवि 22/07/2016 12 Comments इस दिल ने उन्हे बेवफा बता दिया । उनकी मोहब्बत को ,अश्को मे गवा दिया । उनके कहे हुए लब्जो को भुलाने की खातिर, उनके सारे खत पानी मे बहा दिया । कोई पढ न ले उन खतो को शायद , इसलिए, आग पानी मे भी लगा दिया । । “काजल सोनी “ Tweet Pin It Related Posts Maa to bas maa hoti hai फिर जीते हैं रचनाएँ – बिन्देश्वर प्रसाद शर्मा – बिन्दु About The Author Kajalsoni 12 Comments Shishir "Madhukar" 22/07/2016 अति सुंदर………………………. Reply Kajalsoni 22/07/2016 शिशिर जी कोटी कोटी धन्यवाद आपका । Reply C.m.sharma(babbu) 22/07/2016 Bahut khoobsoorat…….. Reply Kajalsoni 22/07/2016 सर्मा जी धन्यवाद आपका । Reply Markand Dave 22/07/2016 `आग पानी मे भी लगा दिया ।` बहुत बढ़िया…धन्यवाद… Reply Kajalsoni 22/07/2016 आपके धन्यवाद के लिए भी धन्यवाद आपका सर जी । Reply सुरेन्द्र नाथ सिंह कुशक्षत्रप 22/07/2016 आग पानी में लगा दिया, भावनाओ का यूँ उमड़ना भाय गाय मुझे। वाह! Reply Kajalsoni 22/07/2016 सुरेंद्र जी आपका धन्यवाद । Reply विजय कुमार सिंह 22/07/2016 सुंदर रचना……………… Reply Kajalsoni 22/07/2016 धन्यवाद विजय जी । Reply Meena bhardwaj 22/07/2016 अति सुन्दर काजल जी! Reply Kajalsoni 22/07/2016 मीना जी धन्यवाद आपका । Reply Leave a Reply to Kajalsoni Cancel reply Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.
अति सुंदर……………………….
शिशिर जी कोटी कोटी धन्यवाद आपका ।
Bahut khoobsoorat……..
सर्मा जी धन्यवाद आपका ।
`आग पानी मे भी लगा दिया ।`
बहुत बढ़िया…धन्यवाद…
आपके धन्यवाद के लिए भी धन्यवाद आपका सर जी ।
आग पानी में लगा दिया, भावनाओ का यूँ उमड़ना भाय गाय मुझे। वाह!
सुरेंद्र जी आपका धन्यवाद ।
सुंदर रचना………………
धन्यवाद विजय जी ।
अति सुन्दर काजल जी!
मीना जी धन्यवाद आपका ।