शुक्र है तुमने कुछ तो माना अपना नही बेगाना ही सही,
तुम्हारे ख्यालो मे जीक्र तो आया अच्छा नही बुरा ही सही
हम तो फर्ज अदा करते आये है सदा अपना समझकर,
बदले मे कभी कुछ तो मिलेगा प्यार नही गुस्सा ही सही ।।
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डी. के. निवातियॉ[email protected]
शुक्र है तुमने कुछ तो माना अपना नही बेगाना ही सही,
तुम्हारे ख्यालो मे जीक्र तो आया अच्छा नही बुरा ही सही
हम तो फर्ज अदा करते आये है सदा अपना समझकर,
बदले मे कभी कुछ तो मिलेगा प्यार नही गुस्सा ही सही ।।
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डी. के. निवातियॉ[email protected]
बहुत बढ़िया निवातियाँ जी…………………….
तहदिल से शुक्रिया मनी……………….!
हा हा हा….प्यार की शिद्दत ही है यह…..गुस्से में भी प्यार नज़र आता है….लाजवाब…..
सत्य कहा आपने …………..प्रेम में बड़ी पारखी नजर है आपकी ….हाहाहाहाहा……….खूबसूरत प्रतिक्रिया के लिए बहुत बहुत धन्यवाद !!
क्या बात है बहुत खूब कहा आपने ।
सुन्दर प्रतिक्रिया के बहुत बहुत धन्यवाद आपका काजल सोनी !!
प्यार में ही गुस्सा भी आता है। बहुत अच्छी और सिद्दत से रचना गढ़ने के लिए मेरी शुभकामना!
मनोहर प्रतिक्रिया के लिए बहुत बहुत धन्यवाद एव आपकी शुभकामनाओ का ह्रदय से आभार !!
सुंदर भावों से युक्त रचना………………
प्यार में पाना ही सब कुछ नहीं होता है, त्याग भी प्यार का दूसरा पहलू है.
सौ फीसदी यथोचित बात कही आपने ………..बहुत बहुत धन्यवाद विजय आपका !!
बेहतरीन ………………….
शुक्रिया शिशिर जी !
वाह निवातियाँ साहब क्या खूब कहा है आपने सच भी है अपने चाहे कितना भी दर्द दे पर कही न कही उनके दिल में हमे लिए छोटी सी जगह तो होगी l बेहतरीन रचना l
हृदयग्राही वचनों के लिए अनेंको धन्यवाद एवं आभार आपका राजीव !!
निवातियाँ जी, सही लिखा है आपने……..प्यार में जो मिले दुया जैसा लगता है
खूबसूरत प्रतिक्रिया के लिए बहुत बहुत धन्यवाद रिंकी ………!!