
मुक्तक 2
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बिटिया को खूब पढ़ाया है।
जीवन जीना सिखलाया है।
कैसे नम आँखे दिखलाऊँ,
यह सोच के दिल घबराया है ।
भगवान से अब में क्या माँगूं।
बिटिया के लिये ही दुआ माँगूं।
बिटिया ने किया नाम ऊँचा,
हर जन्म मे यह गुड़िया माँगूं।
@:-अभिषेक शर्मा
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बहुत ही प्यारे….खूबसूरत….दिल को छु लेने वाले अलफ़ाज़…..लाजवाब…..
हार्दिक आभार आदरणीय
Bahut sunder sharma jee , bitia ki yad wah kya baat hai.
हार्दिक आभार आदरणीय
bahut hi khubsoorat rachna………..
खूबसूरत तस्वीर के साथ खूबसूरत रचना. बेटियों के प्रति आपके सुन्दर विचारों के लिए आपको बधाई. सूंदर रचना के लिए भी बधाई…………..
Bitiya hoti hi pyaari hai.
Bitiya ke liye itne sundar khayalat rakhne ke liye meri koti koti sadhuvaad!
दिल को छूती बहुत ही प्यारी रचना अभिषेक l
बिटिया होती ही ऐसी है अभिषेक ……………..बहुत खूबसूरत !!
Aaj ke samay me betiyo ko pyar dekar hi samaj ko sudhara ja sakta hai . Bahut khub abjisek ji
Nice…………,
बेटियां बहुत ही प्यारी होती हैं …………………………….. बहुत ही बढ़िया अभिषेक !!
लाजवाब अभिषेक जी।
कुछ दिनों तक व्यक्तिगत कार्यो से दूर रहा। आपकी रचनाओ पर प्रतिक्रिया न दे पाने के लिए क्षमा!