समाज –
मैंने देखा है ,
चार पैसा मेहनत से कमाने वाले तक ,
मिलने की कोशिश करते हैं ,
मैंने विरासत में करोड़ो पाने वालो को ,
छिपने में सुकून महसूस करते देखा है ||
मैंने देखा है ,
गहनों की चादर ओढ़े हुए भी ,
लोग तारीफ के काबिल नहीं हो पाते ,
मैंने होठों पर मुस्कान रखने वालों को
सुंदरता का उदाहरण बनते देखा है ||
मैंने देखा है ,
दुनिया वालों की नहीं दिल की आवाज़ सुनकर काम करो ,
कोई कितना भी रोके , अपने दृढ़ इरादे से पीछे मत हटो ,
क्यूंकि मैंने वक़्त बदलने पर लोगो को ,
गिरगिट की तरह रंग बदलते देखा है ||
मैंने देखा है ,
कभी न दुःख सहने वाले ,
थोड़ी चोट में ही रो देते हैं ,
मैंने हमेशा पीड़ा सहने वालों को ,
हर गम में मुस्कुराते देखा है ||
घर परिवार –
मैंने देखा है ,
हसरत से मिलने घर आये मेहमानों को ,
लोग घमंड में दुत्कार देते हैं जो ,
मैंने उनके महलों के सन्नाटो में
दीवारों को चिल्लाते देखा है ||
मैंने देखा है ,
बड़ी विचित्र दुनिया है ये यारों
पराये भी सहारा दे देते हैं ,
मैंने यहाँ अपनों को अपनों से ,
किनारा करते देखा है ||
मैंने देखा है ,
अपने बच्चों की एक मुस्कान के लिए ,
जो माँ बाप अपनी हर ख़ुशी को त्याग देते है ,
मैंने उन आँखों के तारों , बुढ़ापे के सहारों के घरों में ,
बूढी आँखों को आंसू गिराते देखा है ||
कटु सत्य –
मैंने देखा है ,
अधिकतर व्यस्त रहने वाले तक ,
मदद का वादा करते हैं ,
पर फुरसत में रहने वालों को अक्सर ,
वक़्त न होने का दावा करते देखा है ||
मैंने देखा है ,
गम्भीरता से बेबाक सच बोल देने वालो को भी
बेज़्ज़ती करके बेगाना करार दिया जाता है ,
मैंने बेझिझक झूठ बोलकर तारीफें करने वालों को ,
प्रशंसा पाकर अपना बनते हुए देखा है ||
मैंने देखा है
अत्यन्त परोपकारी क्यों न हो , यदि असफल हैं ,
तो इस दुनिया में बहुत ठोकर खाते हैं ,
मैंने दुत्कारने वाले सफल लोगो को ,
देवता की तरह पुजते देखा है ||
मैंने देखा है ,
हज़ारों तोहफे पाने वाले तक ,
कुछ न कुछ, न मिल पाने की दुहाई देते हैं ,
मैंने सिर्फ बड़ों का आशीर्वाद पा जाने वालों को ,
खुश होकर ईश्वर को धन्यवाद देते देखा है ||
मैंने देखा है ,
एक बेजान मूरत पर गर्व से ,
करोड़ो फ़ेंक आते हैं लोग ,
मैंने उसी दर के बाहर ,
पेट भरने के लिए लोगो को हाथ फ़ैलते देखा है ||
प्रेरणायुक्त –
मैंने देखा है ,
कर्म करने वाले ही ,
जीवन का असली आनंद लेते हैं ,
मैंने मेहनत से बचने वालो को अक्सर ,
डरते , घबराते , ज़िन्दगी को ढोते देखा है ||
मैंने देखा है ,
कुछ अलग कर गुजरने की सोच भर पर ,
ये दुनिया वाले उंगली उठाने लगते हैं ,
पर सफल हो जाने पर मैंने ,
उन्ही को अपने सामने झुकते देखा है ||
मैंने देखा है
जिससे उम्मीद न हो ,
वो तक बुरे वक़्त पर काम आ जाते हैं ,
मैंने सबसे करीब रहने वालों को ,
भरोसा तोड़ते देखा है ||
मैंने देखा है ,
सुख सुविधा भरपूर मिलने वाले तक ,
विद्या का अनादर करते हैं ,
मैंने संघर्षो में जीने वालों को ,
दरिया पार करके पढ़ते देखा है ||
मैंने देखा है ,
परिश्रम करके घर लौटने वाले ,
पत्थर के तकिए पर बेहोश होकर सोते हैं ,
मैंने मेहनत न करने वालों को ,
मखमल के बिस्तर पर रात भर करवट बदलते देखा है ||
मैंने देखा है ,
काबिलियत मेहनत से थोड़ा पाने वाले तक
ख़ुशी से जीवन काटते हैं ,
बेईमानी से अरबों पाने वाले को
नींद न आने की शिकायत करते देखा है ||
मैंने देखा है ,
जब तक वक़्त और मौका है ,
उसे भुनाने की कोशिश कर लो यारो ,
मैंने वक़्त गुजर जाने पर लोगो को ,
वक़्त के लिए तड़पते देखा है ||
मैंने देखा है ,
निराश मत हो ,तुम आगे बढ़ने की एक बार तो ठानों ,
क्यूंकि सफलता किसी एक के साथ की मोहताज़ नहीं होती ,
तुम मंजिल की तरफ कदम बढ़ने शुरू तो करो ,
मैंने सामने से हसने वालों को ,पीछे से तारीफे करते देखा है ||
मैंने देखा है ,
अगर नसीब में तरक्की नहीं तुम्हारे ,तो मेहनत से अपनी तक़दीर खुद लिख दो ,
अगर असफल हो तो कर्म करके सफल होकर अपना वक़्त बदल दो ,
अगर दुनिया की चालों से पिस गए हो तो अब खड़े हो जाओ दोस्त ,
मैंने वक़्त बदलते ही , इस दुनिया को बदलते देखा है ||
ज़िन्दगी-
मैंने देखा है ,
जब भी ख़ुशी का मौका हो ,
तो दिल खोल के हस लो यारों ,
मैंने खुशियों की बारिश में कहीं छुपे रहने वालों को
हसी की कुछ बूंदों के लिए तरसते देखा है ||
मैंने देखा है ,
परिस्तिथियाँ हमेशा हमारे हक़ में नहीं होती ,
बुरे वक़्त पर कभी किसी की भावनाओं से मत खेलना यारों ,
मैंने दूसरों पर हसने वालों को ,
एक दिन खुद पर रोते देखा है ||
मैंने देखा है ,
गलती करना तो मानव स्वभाव है
माफ़ करना सीखो यारो
मैंने अकड़े रहने वालों को
तन्हाई में टूट कर बिखरते देखा है ||
मैंने देखा है ,
बुरे लोगो के मरने पर ,
दुनिया वाले अफ़सोस भी नहीं करते ,
मैंने सत्कर्मियों के गुजरने पर ,
फरिश्तों की आँखों को भी नाम होते देखा है ||
मैंने देखा है ,
ज़्यादा बड़ी नहीं ,बहुत छोटी सी होती है ये ज़िन्दगी ,
सबसे घुलमिलकर ,प्रेम से जीलो यारों ,
मैंने दुनिया जीतने का ख्वाब देखने वालों को ,
खाली हाथ छोटी सी कब्र पर दफ़न होते देखा है ||
मैंने देखा है दोस्तों ,
मैंने देखा है ||
-by KINSHUK YADAV
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Very nice,,,,
Thank you so much..
आपने रचना में खूबसूरत भावों का समावेश किया है. सुंदर रचना…………..एक बार “उड़ान ” और “मौन पड़ा रह यूँही ” भी पढ़ें.
बहुत बहुत शुक्रिया : आपकी दोनों रचनाएँ मैंने पढ़ी , बहुत खूब |
बहुत ही खूबसूरत…………..
बहुत बहुत शुक्रिया
bahut khub sir………………
ह्रदय से आभार …
मैंने यह कविता ज़िन्दगी के वास्तविक तथ्य एवं कटु सत्य को छूती हुई लिखी है | मुझे ख़ुशी है की आप सबको पसंद आई |
Also watch video:
https://www.youtube.com/watch?v=5hRm6_6LS6s
bahut khub likha h kinshuk god bless u
Thank u so much…
kinshuk यादव जी, iit bhu से है आप। जानकार अच्छा लगा। मै भी bhu से ही पढ़ा हूँ। वर्तमान में आसाम से हूँ पर वाराणसी में घर है मेरा।
आपकी रचना काफी बड़ी होने के वावजूद बाधे रखती है। तमाम तथ्यों को आपने नजरिये से आपने देखा है।
मेरा whatsaap no 9532855181 है
आप चाहे तो जुड़ सकते है मुझसे
मेरा कवि पेज
http://www.hindisahitya.org/hindipoet/poet-surendra-nath-singh
है। आप इसपर मेरी भी रचनाओ का रसास्वादन कर सकते है।
बहुत बहुत शुक्रिया सुरेन्द्र नाथ जी , आपका ह्रदय से आभार की आपने कविता की गहरायी को समझा तथा उसे पूरा पढ़ा | आपसे संपर्क में आकर मुझे ख़ुशी होगी |
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