महज़, चश्मदीद तरफी था मेरा, रिश्ते की सुनवाई में,
वो दिल भी, वश में कर लिया, तूने गहरी चतुराई से..!
महज़ = इकलौता;
चश्मदीद = प्रत्यक्षदर्शी;
तरफी = समर्थक;
सुनवाई = शिकायत सुनना;
महज़, चश्मदीद तरफी था मेरा, रिश्ते की सुनवाई में,
वो दिल भी, वश में कर लिया, तूने गहरी चतुराई से..!
महज़ = इकलौता;
चश्मदीद = प्रत्यक्षदर्शी;
तरफी = समर्थक;
सुनवाई = शिकायत सुनना;
वाह बहुत खूबसूरत सर……………………..
धन्यवाद श्री मनी सर जी…
बहुत खूबसूरत ……………………..
धन्यवाद श्री विजयकुमार सिंह सर जी…
lovely……………..
धन्यवाद श्री शिशिर सर जी…
beautiful…………….
धन्यवाद श्री निवातियाँ सर जी…
बहुत ही खूबसूरत….
धन्यवाद सर जी…
कितने ये अंदाज़ निराले हैं
इसी खूबी के हम मतवाले हैं