जब बहस में पहले से तय हो हमको बक बक करना हैं
दूजों की बातों तर्कों को बस हर हाल में नीचा करना हैं
उस बहस से जीवन में कूछ भी हांसिल ना होंने वाला हैं
निज हित साधन को लोगों ने ये चतुर उपाय निकाला हैं
कोई अच्छी बात करे तो इतना ज्यादा शोर मचा दो तुम
असल बात कोई समझ न पाए होकर इन हंगामों में गुम
हम चाहें या ना चाहें अपनी शक्लों को हमें दिखाओ तुम
अपना खाया हज़म करने को जम कर बीन बजाओ तुम
टीवी में घुस कर तो कोई तुमसे कुछ भी ना कह पाएगा
हाँ भोली जनता को भी पर बक बक करना आ जाएगा.
शिशिर मधुकर
बहुत ख़ूबसूरत शिशिर जी………………….. आज के नेता लोग बस अपनी बातों का बखान करते है दूसरे की सुनते ही नहीं…….अपने मुंह मिया मिठु बनने वाली कहावत उनपर लागु होती है……
धन्यवाद मनिंदर………………….
बहुत तीक्ष्ण व्यंग किया है….संसद हो या टीवी सब जगह यही हाल है….जो नाकामयाब हैं या कुछ नहीं करना चाहते वो शोर इतना मचाते की कुछ किसी को समझ ना आये…..बहुत बहुत खूबसूरत कटाक्ष…..
धन्यवाद बब्बू जी ……………………..
बहुत सूंदर कविता है शिशिर जी। बहुत सही बात कही है आपने अपनी कविता के माध्यम से। कुछ लोगों का शौक होता है दूसरे को नीचा दिखाना।
मञ्जूषा जी आपको रचना पसंद आई उसके लिए हार्दिक आभार
Very nice…superb..
Thanks Dr. Swati for your appreciation.
शिशिर साहब आपने तीखे बाण चलाये है उन लोगो पर जो अपने को ऊपर और दोस्रो को हमेशा नीचा दिखने की कोशिश में लगे रहते है,बहुत खूब l
राजीव आपकी प्रशंसा का बहुत बहुत शुक्रिया
चिंतन संग लेखन को नमन शिशिर जी…
हार्दिक आभार अभिषेक …………..
एक शब्द में कहा जाए तो “षडयंत्र”. बहुत खूब………….
विजय बहुत बहुत आभार …………………..
वर्तमान व्यवस्था की कार्यशैली पर सटीक कटाक्ष ………..अति सुन्दर शिशिर जी !
बहुत बहुत धन्यवाद निवातियाँ जी
VERY NICE SIR – “JAB KUCHH SAMAJH NAHIN AATA HAI
HANGAMON ME APNA RAG SUNATA HAI”
Thank you very much Bindeshwar
यथार्थ उजागर करती रचना शिशिर जी!
Thanks a ton Meena Ji
अगर पहले से ही सोच लिया जाये कि किसी की बातों को गलत ठहराना है तो बक बक करके सारी बात को ही उलझा दिया जाता है …………………………………… बहुत ही बढ़िया मधुकर जी !!
Thank you so very much Sarvjeet for your comment.
बक बक आज के राजनेताओ पर जी नहीं अपितु समाज के हर पहलू में लागू होता है। लोग दुसरो की न सुनने की शक्ति रखते है न अपनी गलती मानते है। अच्छी बातो को रचना में उकेरा गया है।
बहुत खूब!
सत्य कहा आपने सुरेंद्र ……………..