दौलत
खुदा ने दी है जो दौलत हुस्न की
उसे तो कोई चुरा नहीं सकता …………………..
पर डाका डाल देते हैं आशिक़-ए-दिलों पर
ये बेरहम, बेदर्द हुस्न वाले ………………………..
शायर : सर्वजीत सिंह
[email protected]
दौलत
खुदा ने दी है जो दौलत हुस्न की
उसे तो कोई चुरा नहीं सकता …………………..
पर डाका डाल देते हैं आशिक़-ए-दिलों पर
ये बेरहम, बेदर्द हुस्न वाले ………………………..
शायर : सर्वजीत सिंह
[email protected]
बेहतरीन ……………………
बहुत बहुत आभार ………………….मधुकर जी !!
खुदा ने दी है जो दौलत हुस्न की
उसे तो कोई चुरा नहीं सकता
क्या बात है सर्वजीत सिंह जी…………….
फिर भी डाका पड़ ही जाता है!
बहुत खूब!
बहुत बहुत धन्यवाद ………………… सुरेन्द्र जी !!
सर मैं रात को मोबाइल पे पढ़ी थी…तब से परेशान की किस शब्द से इसकी तारीफ़ करूँ कि मेरे दिल को तस्सली मिले…पर मिला नहीं….बेहतरीन…..फिर से….
तहे दिल से शुक्रिया …………….. शर्मा जी !!
lajawab sir……………..
बहुत बहुत धन्यवाद ………………… मनी !!
क्या बात है बहुत ही सुन्दर सर्वजीत जी
बहुत बहुत धन्यवाद ………………… अभिषेक !!
अति सुन्दर ……….बेहतरीन ……………………
बहुत बहुत धन्यवाद ………………… विजय जी !!
बस इतना समझ लीजिए सर्वजीत जी ………………..!!
लाख छुपा लो तिजोरी में
ख़जाने की भनक लग ही जाती है !
क्या कहना कस्तूरी का,
मृग तृष्णा उन्मादित हो ही जाती है !!
!
!
क्या कहना आपकी रचनात्मकता का
शब्दों का जादू कलम से करा ही जाती है !!
ज़बरदस्त प्रतिक्रिया के लिए तहे दिल से शुक्रिया …………….. निवातियाँ जी !!
बहुत खूब सर्वजीत जी क्या लिखा है “पर डाका डाल देते हैं आशिक़-ए-दिलों पर ये बेरहम, बेदर्द हुस्न वाले l………………………..
बहुत बहुत आभार ………………….राजीव जी !!