अपनी कमियों को हम,छुपा न सके
चाह कर भी चाहत को जता न सके
कुछ इस कदर डूबे थे हम तेरी मोहब्बत में
सही और गलत का अंदाज़ा लगा न सके ||
सताती है यादे तेरी, अब भी मेरे दिल को
चाह कर भी दिल से तुझे मिटा न सके
अब जिंदगी भी अजीब लगने लगी है मुझे
तुझे खो कर भी अपनी जिंदगी को हम मिटा न सके ||
Nice
Thanks Ved Ji…
Khoobsoorat……..
Thanks Sir
sundar rachna………………
Thanks Sonit
बहुत बढ़िया ……………………………………….. प्रिंस !!
Dhanywad Sir
बहुत खूब……………!
Thanks Sir
beautiful expression of heart pain ………….
Dhanywad Sir
बहुत बढ़िया ………………
Thank you Sir