जब मैं भीग रहा था
तुम सावन बन गये थे,
जब मैं खिल रहा था
तुम वसंत बन गये थे,
जब मैं सिसक रहा था
तुम प्यार बन गये थे,
जब मैं उदास हुआ था
तुम मुस्कान बन गये थे,
जब मैं बुझ रहा था
तुम प्रज्वलित कर गये थे,
जब मैं फट रहा था
तुम टाँके लगा गये थे,
जब मैं टूट रहा था
तुम जोड़ बन गये थे।
**महेश रौतेला
nice……………….आखिर वह कौन?
खूबसूरत………….