Homeवेद प्रकाश राय 'मोनू'ठिकाना ठिकाना वेद प्रकाश राय वेद प्रकाश राय 'मोनू' 13/07/2016 5 Comments बड़े शौक से बनाया उसने मेरे दिल में अपना घर, जब रहने की बारी आई तो उसने ठिकाना बदल दिया….. Tweet Pin It Related Posts हुनर पतवार हुनर About The Author मोनू बहुत मुश्किल है उस शख़्स को गिराना, चलना जिसे ठोकरों ने सिखाया हो.... 5 Comments C.m.sharma(babbu) 13/07/2016 Khoobsoorat……. Reply Shishir "Madhukar" 14/07/2016 Well said. General problem Reply वेद प्रकाश राय 14/07/2016 शुक्रगुजार हूँ आपलोगों का अपनी प्रतिक्रिया देने के लिए…. Reply सुरेन्द्र नाथ सिंह कुशक्षत्रप 14/07/2016 उम्दा रचना…………! Reply वेद प्रकाश राय 14/07/2016 धन्यवाद सर Reply Leave a Reply Cancel reply Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.
Khoobsoorat…….
Well said. General problem
शुक्रगुजार हूँ आपलोगों का अपनी प्रतिक्रिया देने के लिए….
उम्दा रचना…………!
धन्यवाद सर