कहती है दुनिया जिसे प्यार,
नशां हैं खतां हैं….
हमने भी किया हैं प्यार,
इसलिए हमें भी पता हैं….
मिलती है थोड़ी खुशियाँ,ज्यादा गम
पर इसमें ठोकर खाने का भी,
कुछ अलग ही मज़ा हैं….
धन्यवाद आपको, बिल्कुल सर मैं आपलोगों के प्रेणामात्र से ही कुछ सिख रहा हूँ, मैं आपसभी की रचनाएं पढता हूँ लेकिन कुछ पर विचार ब्यक्त नही कर पाता हूं इसलिए कि मेरेपास थोड़ा समय की कमी पड़ जाती हैं, मैं एक न्युज चैनल में कार्य करता हूँ। आपसभी से माँफी चाहता हूँ।
Khoobsoorat………..
Well said…………………
बहुत खूब ………………….
धन्यवाद आपलोगों को जो मेरी लेखनी को बल दिए…
वेद प्रकाश राय जी आप की रचनाएँ उम्दा हैं।
आपसे गुजारिश है की अन्य कविओ के रचनाओ पर भी अपनी नजर दौडाते तो औरों को भी अच्छा लगता!
धन्यवाद आपको, बिल्कुल सर मैं आपलोगों के प्रेणामात्र से ही कुछ सिख रहा हूँ, मैं आपसभी की रचनाएं पढता हूँ लेकिन कुछ पर विचार ब्यक्त नही कर पाता हूं इसलिए कि मेरेपास थोड़ा समय की कमी पड़ जाती हैं, मैं एक न्युज चैनल में कार्य करता हूँ। आपसभी से माँफी चाहता हूँ।