आज चला मैं धरती की गोद में, हँस कर मुझको विदा करो ।
मैं जीवित हूँ तुम्हारे दिल में, दिल से मुझको याद करो ॥1॥
खुली किताब था जीवन मेरा, जो कभी ना बन्द हुई ।
श्वासों के तार थमे मगर, गति ना जीवन की मन्द हुई ॥2॥
रामेश्वरम की पावन धरती पर, मेरा जन्म हुआ ।
चिरनिद्रा भी मिली वहीं पर, जीवन मेरा धन्य हुआ ॥3॥
जिन्दगी नाम चलने का है, इतना ही मेरा लक्ष्य रहा ।
डगर हो सीधी या हो टेढ़ी, गति देना मेरा कर्म रहा ॥4॥
जीवन से जो मैंने सीखा , वह तुमको बतलाता हूँ |
इस दीपक की ज्योति का मैं, अदभुत उपयोग सिखाता हूँ ||5||
जीवन-ज्योति जब तलक जले, मादरे-वतन के काम आए |
श्वासों की डोरी जब टूटे, लब पर वतन का नाम आए ||6||
यह नहीं जरूरी गिनना कि, हम कितने वर्ष जिए |
जरूरी है तो यह गिनना, इंसानियत को क्या उत्कर्ष दिए ||7||
गीता, कुरान और बाइबिल में, फर्क नहीं मैंने जाना ।
ईश्वर की एक रचना मानव, इतना ही मैंने पहचाना ॥8॥
सरस्वती की हो वीणा, या हो गीता का कर्म ज्ञान ।
कुरान की आयतें हों, या हो बाइबिल का ईशु गान ॥9॥
सबमें एक ही शक्ति का वास, सदा मैंने पाया ।
जीवन यात्रा के पथ पर, सबको मैंने अपनाया ॥10॥
सूर्य समान तेज चाहो तो, तपन सूर्य की अपनाओ ।
तप की अग्नि में जला स्वयं को, तेजस्वी तुम कहलाओ ॥11॥
मेरी स्वपनों के पंक्षी को, पंख तुम्हें अब देना है ।
मेरी उड़ान की मंजिल को, हासिल तुम्हें क़र लेना है ||12||
मेरे इस अंतिम प्रयाण पर, मेरे स्वप्नों को दो उड़ान ।
विजन-2020 सफल करो, भारत को और बनाओ महान ॥13॥
मेरी इस अंतिम यात्रा पर, आँसू तुम न बहाना ।
आना-जाना, नियम सृष्टि का, इक दिन सबको है जाना ॥14॥
अच्छा, अब लेता हूँ विदा, आँसू अपने रोको तुम ।
सदा तुम्हारे बीच रहूँगा, यादों में मुझे बसा लो तुम ॥15॥
हँस कर मुझको विदा करो, मेरे इस महा प्रयाण पर ।
जीवन यात्रा पूर्ण हुई, मेरे अंतिम निर्वाण पर ॥16॥
सबकी यादों में बसा हूँ मैं, अपने आँसू रोको तुम।
आँसू न मुझको भाते हैं, दिल से मुझे अपनाओ तुम ॥17॥
आया समय विदा लेने का, हँस कर इसे स्वीकार करो ।
सदा रहूँगा बीच तुम्हारे, अंतिम प्रणाम स्वीकार करो ॥18॥
कलाम जी को समर्पित भाव पूर्ण अच्छी रचना…….
धन्यवाद बन्धुवर
शानदार रचना …………….
आदरनीय शिशिर जी प्रंशसा के लिए आपका धन्यवाद आपकी प्रेरणा ही मेरी शक्ति है |
Very nice…………………………………
आदरणीय विजय जी प्रशंसा के लिए आपका धन्यवाद
Tremendous lines.. Dil khus ho gaya. Thanks
आदरणीय प्रिंस जी प्रशंसा के लिए आपका धन्यवाद