जिन्दगी एक अबूझ पहेली, प्रतिपल घड़ियाँ नई नई |
जिन्दगी को हम समझ ना पाए, और जिन्दगी बीत गई ||१||
बचपन से लेकर बुढ़ापे तक मानव, सिर धुन धुन मानव पछताया |
इस रहस्यमयी का रहस्य अंत तक, कोई समझ नहीं पाया ||२||
गणित का प्रश्न नहीं जीवन, जो सूत्रों से हल होता है |
क्षण क्षण रंग बदलता जीवन, नित नए रूप में होता है ||३||
अनुभव की ज्वाला में तपे बिना, व्याख्या नहीं हो पाती है |
क्षण प्रतिक्षण के अनुभव से, मात्र एक कहानी बन पाती है || ४||
व्याख्याकारों की व्याख्या, दे पाई न इसको रूप |
एक रूप हो सका ना जग में, कभी दूजे के अनुरूप ||५||
शायरों की यह जिन्दादिली, ऋषियों का यह झूठा स्वप्न |
दार्शनिकों के दर्शन में है, इसे समझने का ही प्रयत्न ||६||
मजबूरों की यह मजबूरी, स्वार्थियों का है यह स्वार्थ |
नाटककारों का मंच जिन्दगी, पर्मार्थियों का है परमार्थ ||७||
कोई कहता नाटक इसको, कोई कहता इसे यथार्थ |
कोई इसका अर्थ बताता, जीवन भर करना परमार्थ ||८||
कोई स्वार्थ तो कोई परमार्थ में, इसे बिताकर जाता है |
बारबार भी विचारकर मानव, समझ न इसको पाता है ||९||
अनेकों व्याख्याओं से भी संतुष्ट न मैं हो पाया हूँ |
अपनी व्याख्या कहता हूँ, जो मैं इसे समझता आया हूँ ||१०||
जिन्दगी एक अनमोल दीपक, जिसमें बसता उज्जवल प्रकाश |
जीवन पथ आलोकित करता, ज्यों रवि करता है आकाश ||११||
यह देन है विश्वरचियता की, उद्देश्य है जीवन भर जलना |
क्षण क्षण जला जला कर खुद को, जीवन पथ आलोकित करना ||१२||
ज्वलन काल है निर्धारित, मानव के वश में केवल कर्म |
प्रतिक्षण जलो दीप की लौ में, आप निभाओ मानव धर्मं ||१३||
उस प्राप्ति का भी क्या अर्थ भला, जिसके साधन हों कुत्सित कर्म |
उस लक्ष्य का पाना भी क्या है, जिससे लज्जित हो मानव धर्म ||१४||
ईसा गाँधी सुकरात समान, इस जीवन ज्योति को जलने दो |
इसकी अंतिम लौ को तुम, मानव हित में ही बुझने दो ||१५||
जिन्दगी नाम जलने का है, इस जीवन ज्योति को जलने दो |
जब तलक रहे दीये में लौ, इसे पन्थ प्रकाशित करने दो ||१६||
Laajwaab andaaz……behatareennnn bhaav…….
धन्यवाद शर्मा जी
धन्यवाद शर्मा जी आपका प्रोत्साहन ही मेरी शक्ति है
शर्मा जी आपका बहुत बहुत धन्यवाद
utkrasth bhavon ke sath ek unnat rachna aklesh ji. bahut khoob. bdhai ho.
धन्यवाद सोनित जी
अपने भावों को आपने अच्छे शब्द दिए हैं.
धन्यवाद शिशिर जी
धन्यवाद शिशिर जी आप लोगों प्रेरणा ही मेरी लेखनी की शक्ति है |
बहुत अच्छे भाव को कलमबद्ध किया है आपने, यूँही हिंदी उपवन को सजाते रहें!
धन्यवाद सुरेन्द्र जी आपका प्रोत्साहन मुझे एक नई दिशा देगा
धन्यवाद सुरेन्द्र जी आप लोगों की प्रेरणा ही मुझे बल देती है |
अति सुन्दर रचना……….
धन्यवाद सर आपका प्रोत्साहन ही मेरी ताकत है