सुबह सुबह से हिचकिया आ रही है मुझे,
जैसे याद कर रहे वो, अहसास हो रहा मुझे,
कहते तुझे भूलना आसान है मेरे लिए, देखो,
कैसे हिचकिया भेज भेज बुला रही है मुझे ?
मैँ भी ना जाऊंगा, थोड़ा सा तडपाउंगा,
रोने दो उसे, उसने भी रुलाया था मुझे,
हिचकिया रुक ही नहीं रही, लगा ऐसा,
बड़ी शिद्दत से याद किया उसने मुझे,
शाम आते आते सर घूमने लगा, फिर,
जाने क्या हुआ ? हॉस्पिटल में होश आया मुझे,
जोर जोर से हसे थे, या चटपटा कुछ खाया था,
मेरी तरफ देखते डॉक्टर ने पूछा मुझे,
ज्यादा कुछ नहीं दो नान, दो छोले भठूरे,
दो गिलास मीठी लस्सी, सुन हैरानी से देखा मुझे,
ज्यादा खाने से गैस बन, सर को चढ़ गयी,
हिचकिया आना, आम बात है, डॉ ने बताया मुझे,
लगा ३३००० वाल्ट का करंट, तू नहीं तेरी,
यादों ने हिचकिया बन बेवकूफ बनाया मुझे,
सुबह सुबह से हिचकिया……….
नोट- आप भी ध्यान रखे जोर जोर से हसने से, तेज़ मसाले वाला खाने से, हिचकिया या पेट फूलने की शिकायत हो सकती है, ज्यादा से ज्यादा पानी पीये, हिचकिया आने पर कोई आपको याद कर रहा वहम में ना जिए |
हैप्पी संडे सभी को………………..
bahut bdhiya mani bhai… hichkiyan..yaden.. is galatfahmi ka bhi apna mja hai. bhut khoob.
सोनित जी आपके इस प्यार के लिए धन्यवाद
Maniji…..itna kam khaane se hichkiyaan nahin aati…..zaroor yaad hi kar raha tha koyee…..aap Dr ke kahne mat raho….Dr ke paas iss bimari ka illaaj Nahin so aise bol diya…..hahahahaha…….happy Sunday before Monday……
जी सी एम शर्मा जी आपके सुझाव को ध्यान में रखूँगा……………किसने याद किया मुझे इतनी शिद्दत से उसे ढूंढूंगा | तहे दिल से शुक्रिया सी एम शर्मा जी आपका
Nice humorous advice to all poets not to take ailments as per the well established myths.
अपनी कविताओं में जिक्र जरूर करे पर हद से जयदा हो डॉ की सलाह लेने को कहे……………….तहे दिल से शुक्रिया शिशिर जी आपका
मनिंदर जी वैसे तो हमारे यहाँ हिचकी को किस अपवाह से जोड़ा जाता है, मुझे सही सही नहीं मालूम दोस्त, पर मै न ही मशाले खाता हूँ न कोई तैलीय पदार्थ, शुद्ध शाकाहारी वह भी बहुत ही सामान्य, फिर भी कभी कभी हिचकी आती है, और जैसे ही हिचकी आती है मेरे साथी अचानक से ऐसा कुछ बोल देते है जिसके उधेड़बुन में मेरी हिचकी कब दूर हो जाती है, पता नहीं।
अब क्या सच्चाई है, मुझे नहीं मालूम क्योकि विज्ञानं की सच्चाई भी काल खंड के हिसाब से परिवर्तनीय है।
सुरेन्द्र जी मैंने कल एक आर्टिकल पढ़ा था जिसमें हद से ज्यादा हिचकिया आये तो क्या करे, और इसके क्या कारण होते है वह भी बताये गए थे बस फिर क्या था…..दिल में कुछ अल्फाज़ आ गए वह कागज पर उतर आपके सामने आ गए………….आपने पढ़ा उसके लिए तहे दिल से शुक्रिया आपका
कहते हैं कि किसी के याद करने पर हिचकी आती है, भई कैसे भी आये पर परेशान बड़ा करती है ……………………………………. बढ़िया मनी !!
सही कहा आपने पूरा हिला देती है……हाहाहाहा……….शुक्रिया सर्वजीत जी आपके इस प्यार के लिए