अांखो में तेरी एक जहां मुझे नज़र अाता है ,,,
पलको पर तेरी मुझे मेरा अाशियाना नज़र अाता है ,,,,,
निगाहें तेरी जब देखती है मुझे शर्माते हुए ,,,,
तो उन नज़रो को तेरी चूम लेने का जी चाहता है ,,,,
अाब – अाब (blushed ) हो जाती है जब तू चाहत मेरी सुन कर ,,,,
तो तेरी उस दीवानगी का अाबिद (worshipper) हो जाने को जी चाहता है,,,,
खुदा से भी कहीं ज्यादा अब तुझे चाहता हूँ ,,,,,
मौत से डर नही लगता था मुझे,,,,पर अब मरने के नाम से भी लरज़ता हूँ,,,,
जीने की खवाइश है गर मुझे,,,,,तो बस संंग तेरे जीना चाहता हूं,,,,
एक कदम भी बिन तेरे अब नही चलना मुझे ,,,,,
अपने हर कदम के साथ तेरे कदम का निशान चाहता हूँ।
बेगाना सा था जो रिश्ता कभी,,,,,अाज अपनो से भी अपना हो गया है ,,,,
धड़कते दिल की हर धड़कन से अब नाम तेरा ही निकलता है,,,,,
संंग चलते चलते तेरे एक सफर जैसे एक लम्हे में सिमट जाता है ,,,,
बैठे बैठे साथ तेरे न जाने वक़्त कैसे एक पल में बीत जाता है ,,,,,
बियाबान सा था ये दिल मेरा,,,,,इसमें खिला है गुल तेरे प्यार का,,,,
थाम लो हाथ मेरा ,,,,क्युकी नही चल सकता अब मैं तेरे बिना।
भावनात्मक प्रेम रचना …………..
सुंदर भाव……………………..
bahut khub janab……………………….
खूबसूरत……………..
very nice……………….!!