काफी दिनों बाद कलम उठाई है
दिल में एक चिंगारी सी पनप आई है
सोचा था छोड़ दूंगी ये कविताएँ लिखना
मगर फिर से एक कविता जहन में आई है
जिसकी खातिर छोड़ा था लिखना
उसी ने आज कलम हाथ में थमाई है
जो तम दूर किया था, वो छा गया फिर से
अब इस तम को दूर करने के लिए रौशनी की किरण आई है
मेरे दिल में फिर से एक कविता आई है
#कविता से पूछते हो #कविता क्या है…?
यह बात आज तक समझ ना आई है
दारुण चेहरों के बीच ख़ुशी की झलक आई है
मेरी इस कविता में नवचेतना उभर आई है
काफी दिनों………
:– कविता शर्मा
Nicely written…………………………………कविता ने ही ये कविता बनाई है.
thanks
bahut khub kavita ji……………….
thank u
Bahut badhiya hai Jo kalam uthaayee hai…. Ab ismein chetna ka sanchaar karti rahyea….
thank you
Beautiful start……keep it up
thank u sir
कविताजी सुंदर रचना।
बहुत अच्छा, keep it up
thanks