About The Author
दिल के भावों को लेखनी का सहारा है, समाज को बेहतर बनाना कर्तव्य हमारा है. आइये आपका स्वागत है हमारे लेखन के दरबार में, पलकें बिछाए बैठे हैं हम आपके इंतज़ार में.
EMAIL : [email protected]
https://vijaykumarsinghblog.wordpress.com
पटना, बिहार
वाह विजय जी आपने दिल को छूने वाली रचना लिख दी……………….बहुत खूब
बहुत-बहुत धन्यवाद mani ji.
Vijay ji….mere paas shabd hi nahin hain aap ki rachna ki sraahna ke liye….maa ke gungaan mein har shabd chhota hai… Aapke bhaav….dil…atma ko choo gaye… Or antim pankti mein sab kuch bina kahe kah gaye….. Har Maa ko mera naman…. parnaam….
सर, इस दुनिया में माँ से बढ़कर कुछ भी नहीं है. लोग समझे या ना समझे.
बहुत खूबसूरत विजय जी ………..बेहतरीन लिखा है आपने !!
इस मद में मेरी रचना ‘माँ मुझको फिर लोरी सुना दो ‘ नजर करे !!
सर, सराहना के लिए ह्रदय से आभार.
Beautifully written………..
सर, सराहना के लिए ह्रदय से आभार.
विजय जी, आपके रचना के क्या कहने,महफ़िल लूट ली आपने, बहुत खूब ……..अत्यंत भावपूर्ण रचना!
सराहना के लिए ह्रदय से आभार सुरेन्द्र ji.
nice poetry vijay ji l
बहुत-बहुत धन्यवाद RAJEEV JI.
bhahut hi khubsoorat rachna vijay sir….. maa ka sthaan koi nahi le sakta…..
रचना की सराहना के लिए आपको बहुत बहुत धन्यवाद. समय मिलने पर एक बार “मुझे मत मारो (बेटी)” पढ़ें, समाज के बेहतरी के उद्देश्य से लिखी गयी रचना है.
माँ तो सर्वोपरि है ……………………………….. बहुत ही बढ़िया विजय जी !!
सराहना के लिए ह्रदय से आभार.