! बेबस जिंदगी !
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बेबस जिंदगी को
खुशियों से कोई भर दे
तमाम कोशिशों से उद्धार
अगर कर दे !
स्वप्निल किरन से
सजादे यदि दामन
रोशन जहाँ हो जाये
कुछ पल सही अगर दे
बेबस जिंदगी को …..
टुकडों पर पलता जीवन
जूठन पर शयन करता
बदहाल सितारों को
नव रूप कोई सुघर दे
बेबस जिंदगी को ……
कतरन की तरह कटते
मिटते ये बुलबुलों सा
नादान हसरतों को
कोई भी सुडगर दे
बेबस जिंदगी को …..
निर्बल निरीह हैं नहीँ
ये बाल अंतर्मन
बस स्नेह प्यार से भरा
इनको कोई जिगर दे
बेबस जिन्दगी को
खुशियों से कोई भर दे.
!
!
??डॉ सी एल सिंह??
Waahhhh…..kya yaachna ka andaaz hai….laajwaab…..
Nicely written………………………
bahut khub sir…………………….
अति सुन्दर ………………..!
आप सभी मनीषी मूर्धन्य कवियों को अंतर्मन से साधुवाद
खूबसूरत भाव …………
बेहतरीन भाव…………………!