कभी देश के लिए
काम किए हो कि नहीं
देशवासियों की भलाई
सोचे हो की नहीं
पर जोर से _
भारत माता की जय
गला फाड़ कर
जय श्री राम स्लोगान
बोलने पर
तुम देशभक्त गिने जाअोगे
देश की सम्पति को
नष्ट करने पर भी
अपने देश के खिलाफ
षड़यन्त्र रचने पर भी
भारत माता की जय
जोर से बोलो
तुम्हारी सभी तरह की पापें
एक पल में मिट जायेगी
पर अपने अधिकार की बातें
बोलने पर
तुम माऊवादी गिने जाअोगे
धर्म की कुरीतियों
का विरोध करोगे तो…
समाज में हो रहे
अत्याचार के विरोध में
आवाज उठाअोगे तो….
मनुवाद के खिलाफ
बात कहोगे तो…..
तुम्हें देशद्रोही कहे जायेगें
उग्रवादी कहकर
बंदूक के सामने किया जायेगा.
हाय भगवान
देश किधर जा रही है
समाज किस मुहाने पर
पहुंच गयी है.
देश किधर जा रहा है
वाकई जिंदादिल जबरदस्त रचना है
धन्यवाद सिंह जी,
आपको मेरी कविता अच्छी लगी. आपनी प्रतिक्रिया देने के लिए धन्यवाद
Bahut khoobsoorat kataaksh karti rachna…
धन्यवाद सर जी प्रतिक्रिया देने के लिए.
लाजवाब………….बेहतरीन……………
धन्यवाद मनी जी, आपको मेरी कविता पसंद हुआ.
उचित विषय पर आपके विचार प्रशंशनीय है ………..कदाचित सभी जन इसको समझ सके …. अति सुंदर !!
धन्यवाद सर जी प्रतिक्रिया देने के लिए. आपको मेरी कविता अच्छी लगी
सत्यपरक सुन्दर रचना.
धन्यवाद सर जी प्रतिक्रिया देने के लिए.
सत्य कहने की वह भी बेबाकी से आपने कोशिस की है, आपके जस्बे को सलाम मित्र…..!
धन्यवाद सर जी प्रतिक्रिया देने के लिए.
अति उत्तम ………………………
धन्यवाद सर जी प्रतिक्रिया देने के लिए. आपको मेरी कविता अच्छी लगी.