Homeसुरेन्द्र नाथ सिंह 'कुशक्षत्रप'कुशक्षत्रप की कलम से कुशक्षत्रप की कलम से सुरेन्द्र नाथ सिंह कुशक्षत्रप सुरेन्द्र नाथ सिंह 'कुशक्षत्रप' 07/07/2016 16 Comments गर तन भूखा हो तो चादनी रात बुरी लगती है दिल पर हो आघात तो हर बात बुरी लगती है कितना भी करो सावन की फुहारों का वर्णन यारों महबूब न हो साथ तो बरसात बुरी लगती है ।।।। Tweet Pin It Related Posts उन दिनों की “यादें” नारी (मत्त सवैया या राधेश्यामी छंद) दर्दे दास्ताँ About The Author कुशक्षत्रप Myself Surendra Nath Singh s/o Sri Kalicharan Singh Current: Mathematics Faculty Assam email: [email protected] Contact: 9532855181 16 Comments Shishir "Madhukar" 07/07/2016 बेहतरीन…………………. Reply सुरेन्द्र नाथ सिंह कुशक्षत्रप 07/07/2016 आपकी दुआओं का असर है मधुकर जी Reply Dr Chhote Lal Singh 07/07/2016 क्या बात है आपका तो जलवा है मस्त अंदाज़ में लिखा है आपने Reply सुरेन्द्र नाथ सिंह कुशक्षत्रप 07/07/2016 धन्यवाद डॉ साहब…….बस प्यार बनाये रखें Reply C.m.sharma(babbu) 07/07/2016 Laajwaab……. Reply सुरेन्द्र नाथ सिंह कुशक्षत्रप 07/07/2016 बब्बू जी अनवरत प्रेम दिखने और अपनी प्रतिक्रिया से हमे अवगत कराने हेतु करबद्ध आभार! Reply विजय कुमार सिंह 07/07/2016 अति सुन्दर रचना…………. Reply सुरेन्द्र नाथ सिंह कुशक्षत्रप 07/07/2016 विजय जी आशीर्वाद हेतु आभारी हूँ…! Reply mani 07/07/2016 वाह क्या बात है…………..बेहतरीन Reply सुरेन्द्र नाथ सिंह कुशक्षत्रप 07/07/2016 मनिंदर जी ह्रदय से धन्यवाद मित्र, प्रतिक्रिया से अवगत कराने हेतु….! Reply निवातियाँ डी. के. 07/07/2016 बहुत उम्दा ……………..!! Reply सुरेन्द्र नाथ सिंह कुशक्षत्रप 07/07/2016 Nivatiya ji, आप सभी मूर्धन्य मनीषियो की संगत का कुछ असर है इस नाचीज पर….. आभार आपका Reply sarvajit singh 07/07/2016 लाजवाब …………………….. सुरेन्द्र जी !! Reply सुरेन्द्र नाथ सिंह कुशक्षत्रप 07/07/2016 सर्वजीत सिंह जी, आपका अति आभार अनवरत प्रेम बरसाने हेतु….! Reply RAJEEV GUPTA 07/07/2016 वाह सुरेन्द्र जी बहुत खूब कहा है आपने l Reply सुरेन्द्र नाथ सिंह कुशक्षत्रप 07/07/2016 राजीव जी धन्यवाद आपको! Reply Leave a Reply to सुरेन्द्र नाथ सिंह कुशक्षत्रप Cancel reply Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.
बेहतरीन………………….
आपकी दुआओं का असर है मधुकर जी
क्या बात है आपका तो जलवा है
मस्त अंदाज़ में लिखा है आपने
धन्यवाद डॉ साहब…….बस प्यार बनाये रखें
Laajwaab…….
बब्बू जी अनवरत प्रेम दिखने और अपनी प्रतिक्रिया से हमे अवगत कराने हेतु करबद्ध आभार!
अति सुन्दर रचना………….
विजय जी आशीर्वाद हेतु आभारी हूँ…!
वाह क्या बात है…………..बेहतरीन
मनिंदर जी ह्रदय से धन्यवाद मित्र, प्रतिक्रिया से अवगत कराने हेतु….!
बहुत उम्दा ……………..!!
Nivatiya ji, आप सभी मूर्धन्य मनीषियो की संगत का कुछ असर है इस नाचीज पर….. आभार आपका
लाजवाब …………………….. सुरेन्द्र जी !!
सर्वजीत सिंह जी, आपका अति आभार अनवरत प्रेम बरसाने हेतु….!
वाह सुरेन्द्र जी बहुत खूब कहा है आपने l
राजीव जी धन्यवाद आपको!