एक कहानी याद सी आकर रह गयी …..
सुहाने सफर की ,
कुछ अरमानो की ,
कुछ सपनो की ,
कुछ अपनों की ,
कभी कुछ नादानी की ,
कुछ दिलों के दीवानों की ,
राहो में मिले अनजानों की ,
कुछ अपनों से कही बातों की
तो , कुछ अपनों के इरादों की
कुछ संग – बैठे हंसी – ठिठोली की
तो कभी ,
झड़प लिए उस बोली की
किसी बात पर किसी का रूठना ,
किसी बात पर किसी का मनाना
किसी का बातों को सुलझाना ,
तो , किसी का तोड़ – मरोड़ कर उलझाना
यह सब उस कहानी के हिस्से हैं .
यह तो उस कहानी के छोटे – मोटे किस्से हैं
जो बस एक दिन यूही ……..
याद सी आकर रह गयी ..
सुन्दर अभिव्यक्ति ……….!!
बहुत अच्छा………………………
bahut khub………………….
Nice write…………………
Khoobsoorat……..