हकीकत
नज़रे इनायत हो गई खुदा की
तो अपनी किस्मत ही बदल गई ………………………….
तस्वूर में अक्सर देखा करते थे जिसे
वो हकीकत में मिल गई ………………………………………
शायर : सर्वजीत सिंह
[email protected]
हकीकत
नज़रे इनायत हो गई खुदा की
तो अपनी किस्मत ही बदल गई ………………………….
तस्वूर में अक्सर देखा करते थे जिसे
वो हकीकत में मिल गई ………………………………………
शायर : सर्वजीत सिंह
[email protected]
Sarvjeet, I am envious. Lucky Guy.
Thank you very much …………………….. Madhukar jee.
मिल गयी वो जिसकी तलाश थी आप को,
मेरी तरफ से बहुत बहुत आपको बधाई,
पार्टी पार्टी पार्टी, हिंदी साहित्य मंच पर,
बस यही हर तरफ से आवाज़ आई |……………..बहुत बढ़िया सर्वजीत जी
हाँ मिलने की खुशी में पार्टी तो बनती है ………………………… बहुत बहुत शुक्रिया मनी !!
किस्मत का खजाना है ……….अकसर बिन मांगे ही मिलता है ………..बहुत अच्छे सर्वजीत जी !!
बिलकुल सही कहा आपने, जब किस्मत चलती है तो सब कुछ अपने आप ही मिल जाता है …………………………. बहुत बहुत आभार आपका निवातियाँ जी !!
अति सुंदर रचना…………………………
बहुत बहुत आभार …………………………………………. विजय जी !!
बहुत बढ़िया सर्वजीत जी……………….अति सुन्दर
बहुत बहुत आभार …………………………………………. अभिषेक !!
खुबसूरत पंक्तियां …………..
आपका बहुत बहुत आभार …………………………………………. अंकिता !!
Jab haqeekat mein mill gayee toh samjha….biliyaan double ho ke giryeingi…main Oxford walon ko special shabdkosh ke liye order kar raha hoon…..laajwaab kam hai….
कमाल की लाजवाब तारीफ होती ही शर्मा जी आपकी——— आपका जितना शुक्रिया अदा किया जाये उतना कम है ……………………………. फिर भी तहे दिल से आपका शुक्रिया !!
पुनः एक बेहतरीन शायरी सर्वजीत सिंह जी….
प्रशंसा के लिए आपका तहे दिल से शुक्रिया …………………….. सुरेन्द्र जी !!