माँ का सपना तो
पिता का गुरूर बन जाती है बेटी..!
जिस के जन्म से दुखी था परिवार
उनकी खुशियों का कारण बन जाती है बेटी..!!
जब जन्म हुआ उसको पिता के दिल में बेबसी छाई
माँ की आँखें भी भर आई…
किसी ने कहा लक्ष्मी….
तो किसी ने कहा कलंकिनी है आई..
फिर भी इतनी नफरतों के बीच प्यार का सागर बन जाती है बेटी..
झूठ कहते हैं लोग पिता का सहारा होते हैं बेटे
आखिरकार सबकी दुलारी बन जाती है बेटी..
पिता की लकड़ी तो माँ की हिम्मत बन जाती है बेटी..
भूल के अपने सपनों को सबका गुरूर बन जाती है बेटी..
जिसके जन्म से मची थी रूसवाई
अब उसके कारण खुशियाँ है आई
कहने को तो बेटी होती है पराई
पर परायों के लिए भी अपनी हो जाती है बेटी
कलियुग के इस दौर में अपनों के लिए सब कुछ कर जाती है बेटी..
Bahut hi khoobsoorat bhaav hain….beti har Ghar mein Honi hi chaahyea….bina beti ke Ghar sajta…sanwarta hi nahin kyoonki dil mein adhoorapan rahta hai…..Yeh beti hi hai jisko beta bhi kahke bulate hain….
बिलकुल सही बेटियों के बिना हर माँ बाप का जीवन अधुरा है
सत्य वचन ………..बहुत खूबसूरत ।।
बस बेटी बचने के लिए छोटी सी पहल
Nice write …………..
धन्यवाद
रचना के भाव अच्छे हैं……………सुंदर………….. एक बार “मुझे मत मरो (बेटी)” पढ़ें. बेटियों से जुड़े विषय पर समय की आवश्यकता के अनुसार लिखी रचना है.
okk thank u
बहुत सुंदर रचना। बेटियाँ सचमुच हसीन होती है। उसके बिना घर आगँन अधुरा होता है।