होंठ
सिल जाते हैं होंठ अपने
उनके मुस्कुराते ही ………………………..
वरना सोचा था के कर देंगे प्यार का इज़हार
हम आज उनके आते ही ………………………..
शायर : सर्वजीत सिंह
[email protected]
होंठ
सिल जाते हैं होंठ अपने
उनके मुस्कुराते ही ………………………..
वरना सोचा था के कर देंगे प्यार का इज़हार
हम आज उनके आते ही ………………………..
शायर : सर्वजीत सिंह
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Waahhhh……..yahi toh mohabbat hai… Laajwaab….
तहे दिल से शुक्रिया जनाब ……………………………….. शर्मा जी !!
वाह.. बहुत बहुत सुन्दर सर.
आपका बहुत बहुत आभार .. ………………………………………. सोनित !!
अक्सर ऐसा होता है सर्वजीत सिंह जी, सामने वह होती है और जुबान खामोश होता है!
आपका बहुत बहुत आभार ……………………………. सुरेन्द्र जी !!
beautiful sarvjeet ………………..
Thank you very much …………………….. Madhukar Jee.
bahut khub sarvajit ji………..
आपका बहुत बहुत आभार ……………………………. मनी !!
बड़ा अच्छा अंदाज़ है शायरी का
आपका बहुत बहुत आभार ……………………………. किरण जी !!
Very beautiful…………………………………….
Thank you very much ……………………………… Vijay Jee.
सर्वजीत जी आपने तो पुरानी यादें ताज़ा कर दी “बहुत ही खूबसूरती के साथ पेश किया है आपने l
पहला प्यार पाने के लिए की गई कोशिशें कभी नहीं भूलती ………………………………… बहुत बहुत आभार राजीव जी !!