ये ज़माने की वफ़ाएं मेरे काम की नहीं;
मुझे उसकी वफ़ा चाहिए किसी आम की नहीं;
उसकी तो एक मुस्कराहट भी अनमोल थी;
ये तमाम मुस्कुराहट किसी दाम की नहीं;
मुझे ग़म है तो उसके चले जाने का;
परवाह मुझ पर लगे किसी इलज़ाम की नहीं;
मेरा हाथ देख कर रब ये बोला;
बहुत सी चाहते तेरे लिए हैं बाकि ;
लेकिन, तेरे हाथ में कोई भी लकीर उसके नाम की नहीं………..!!
अत्यन्त खूबसूरत ………………..
Kamaal kar diya….Waah janaab Waah
…
वाह कमाल……………….
बहुत खूबसुरत……..!!
बहुत खूब…………..
सच्ची मोहब्बत …………………….. बहुत ही बढ़िया !!
Bahut sunder lines
बहुत ही बढ़िया…………………….