दिल का दिया
क्या यूॅ ही बुझ जायेगा दिल का दिया
थोड़ा और इसमें तेल डाल लेने दो।
सफर बाकी है कमबख्त दूर है मंजिल
भंवर से कस्ति अब निकाल लेने दो।
आए हम भी खुले मंच पर तमाशा करने
अब हमें भी खोटा सिक्का जमा लेने दो।
मेरे ये तकदिर किधर ले जायेंगे इस तरह
थोड़ी अपनी भी किस्मत आजमा लेने दो।
बहुत देखी दुनिया रंगत खुली किताब में
हमें भी इसकी रंगत मन में उतार लेने दो।
अब दौड़कर निकलना है सबको आगे
आज हमें भी हाथ में मशाल ले लेने दो।
परदे में रहना मुझे अब गवारा नहीं लगता
जंग – ए – मैदान में हथियार ले लेने दो
वर्षो से रखा था जिसे संभालकर अब तलक
आज खंजर में थोड़ा और धार लगा लेने दो।
कुछ करके जाना है कुछ दिखा के जाना है
मर्यादा क्या है सही रास्ता दिखला लेने दो।
बी पी शर्मा बिन्दु
Writer Bindeshwar Prasad Sharma (Bindu)
D/O Birth 10.10.1963
Shivpuri jamuni chack Barh RS Patna (Bihar)
Pin Code 803214
बहुत ही खूब कहा जनाब……
THANK YOU SIR FOR YOUR COOPERATION.
बहुत बढ़िया बिंदु जी कमाल कर दिया…………………
Thank you mani jee , bahut bahut sukriya.
बहुत बढ़िया बिंदु जी
Thank you sir, der se reply ke liye hamein bahut khed hai.
बहुत ही खूब कहा……………………………
Bijay sahab ,der se mulakat ke liye bahut hi khed hai.
खूबसूरत भावो से सजी सुन्दर रचना !!
aapke mano bhaw ke liye bahut sukriya, der se mulakat ke liye khed hai.