सुबह -सुबह
मुह हाथ धोकर
पेट में कुछ भोजन
अंदर कर
बैठ गया
सोना बेटा को पढ़ाने
होम टास्क की डायरी खोलने पर
देखा काश्मीर के उपर निबंध
भुले-बिसरे यादों को
समेटा
जो पढ़ा था
बहुत पहले
कालेज के समय
उससे ही हो जाता
काश्मीर के उपर एक अच्छा निबंध
इतने पर उसने कहा
पापा, वहाँ पर तो गोली चल रहा है
लोग मर रहे है
स्कुल-कालेज के दरवाजे
बन्द हुए हैं
वहाँ बच्चे को भी तो
पढ़ने का अधिकार है ?
उसका बात सुनकर
कुछ भी न बोल सका
सॉना बेटा और मैं
इंतजार में है __
काश्मीर के धरती पर
शान्ति के फूल खिलने का….
bahut khub sir…………….
सुन्दर ………………
very nice ………………