जैसे हर जादूगर का अपना
खास जादू होता है
वैसा उसमे भी मोजूद था |
अलमारी में छिपे बक्से का जादू
जब भी बक्सा खुलता
उस पारी का जादू
हर बार मुझे मोहित कर जाता
मिठाई,बिस्कुट, दाल –मोट और बतासे की खुश्बू
उस बक्से के तिलिस्म को और बढ़ा देता
में दादी के पीछे-पीछे
मडराता फिरता
वो अपने-आप को चोदह पोते-पोतियों में
बराबर बंटती फिरती
कभी डराती,कभी चुपके से किसी को
बक्सा खोलकर मिठाई देती|
उस बक्से की जादूगरनी थी वो
आज चाची ने बक्सा खोला
आशचर्य की बात है
जादू नहीं हुआ
मेरी दादी का जादू खत्म था
कोई पारी नहीं दिखी
दादी के जाने के बाद
उस बक्से का तिलिस्म हवा हो गया
बक्सा टीना सा मालूम होता है|
रिंकी
बड़े बुजुर्गों के महत्व एवं जीवन मे उनकी छाप को रेखांकित करती खूबसूरत रचना । आने वाली पीढ़ियाँ हो सकता है इस बक्से के जादू से महरूम रहें लेकिन आपकी रचना उसे हमेशा जीवित रखेगी।
देवेन्द्र जी, आपने ठीक कहा आज की पीढ़ी दादी के बक्से का जादू महशूस नहीं कर पाती, आपका बहुत शुक्रिया
Bahut khubsurat Rinki………bade bhavuk shabdo me purvajo ke mahatv ko samjhaayaa hai !!
निवातियाँ जी, धन्यवाद सहारना के लिए
बहुत सुंदर रचना हमारे बडे़ -बुर्जुगो के संस्कार पेड़ कि छंाव कि तरह होते है ।
विनय जी, बहुत-बहुत शुक्रिया
Bahut sundar…very nice..Rinki
डॉ. स्वाति गुप्ता, बहुत धन्यवाद और आभार
रिंकी जी, आपकी पंक्तियों ने मेरी कुछ विस्मृत स्मृतियों को फिर जीवन्त कर दिया. इन पंक्तियों के लिए मैं तहे दिल से आपका आभारी हूँ. बहुत खूब.
सोनित जी, रचना पढने के लिए abhar
Bahut hi pyara….manmohak…..par kahin kahin tees sa deta hua dil ko…..dil ko choo gayee rachna…..shukriya aise jaadoo ki rachna dene ka…..
बब्बू जी, धन्यवाद इतनी खुबसूरत प्रतिक्रिया के लिए
रिंकी सत्य कहा आपने बहुत सारी चीज़ों का महत्त्व उन से जुड़े लोगों के कारण होता है. खूबसूरत भाव
शिशिर जी, शुक्रिया आपके शब्द हमेश उत्साह बढाते है
I M TOTTALY EMOTIONALISED..AMAZING BAHUT KHUB…WAHHH
बहुत-बहुत शुक्रिया प्रकाश जी
रिकी जी वाकई मे आपकी रचना दिल को छु गई, अब शायद वह दौर न आये पर कमसे कम हमारी पीढ़ी तक यादे तो मुकम्मल जिवीत रहेगी……………………….. आपकी यह रचना गम्भीर भाव देती है………
सुरेंदर जी, बहुत-बहुत शुक्रिया
बुजुर्गों की महत्ता को रेखांकित करती खूबसूरत रचना. एक बार “आओ मिलकर देश सजाएँ” पढ़ें.
विजय कुमार, बहुत आभार रचना पढने के लिए
बहुत खुब ……………………..रिकी जी
अभिषेक जी, धन्यवाद