व्यापारी बनकर पैर जमाया ऐसे फिरंगी आया रे
ईस्ट इंडिया कंपनी को साथ में लेकर आया रे।
लेकर अपने हाथ में चादर जगह जगह फैलाया
डालकर दाना उसमें उसने सबको था भरमाया।
जो दबंग थे उसको उसने अपने गले लगाया
भरती कर सेना में उसको अपने साथ मिलाया।
धिरे.धिरे जाल वो अपना ऐसे ही फैलाया रे
ईस्ट इंडिया कंपनी ।
जहाॅ चलती थी जिसकी थाती उसको भी ललचाया
लालच के लड्डू से ही उसने खूब सफलता पाया।
फंस गये दलदल में उसके कुछ जबरन ले आया
लगा लगान वसूलने सबसे जो भी अधीन में आया।
घात लगाकर हाथ लगाया ऐसे सतरंगी आया रे
ईस्ट इंडिया कंपनी ।
कुछ राजा बस में था उसका कुछ हलचल में आया
लगा फैलाने समराज्य अपना सेना जब लेकर आया।
हिन्दू.मुस्लिम.सिख्ख.इसाई सब था उसके पीछे
बस में करके सबको उसने रख लिया था नीचे।
हमजोली बनकर हाथ मिलाया ऐसे फिरंगी आया रे
ईस्ट इंडिया कंपनी ।
जमींदारों की गई कमाई ऐसा ही कसाई आया था
किसानों पर भी आई आफत ऐसा हरजाई आया था।
शासन इतनी कडी थी उसकी सजा उतनी कठोर थी
हर जगह दहशत ही दहशत दहशत ही की शोर थी।
हाथ में लेकर चाबुक.डंडा देखों वह दंगी आया रे
ईस्ट इंडिया कंपनी ।
हो गई थी देर अब जब आॅख खुली थी अपनी
थोडे़ के चक्कर में हमनें बात भुली थी अपनी।
जब जागा तो हुआ हंगामा रामा हो रामा
चलते रहा ये वर्षों डरामा रामा हो रामा।
चल भाग फिरंगी छोड़ जंग अब बजरंगी आया रे
ईस्ट इंडिया कंपनी ।
लड़ते.मरते एक बने हम फिर से सब होश संभाला
अपने वतन की देखकर हालत ऐसे जोश में आया।
नर और नारी मिलकर सबने एक ही कसमें खाये
खून की नदिया चाहे बह जायें लोट कभी न आये।
मौत बनकर तुझे मिटाने देख हुड़दंगी आया रे
ईस्ट इंडिया कंपनी ।
एक जनून अजादी का जब मन में था घर बनाया
हंसकर चढ़ गये फाॅसी कितने जिंदगी जहर बनाया।
नानी याद आ गई उसकी जब हम एक बने थे
एक.एक कर भाग गये सब जब हम नेक बने थे।
उसके ही छाती पर हमनंे देखो तिरंगा फहराया रे
ईस्ट इंडिया कंपनी ।
देश बचाकर क्या करना जब नेता नादान बने थे
पुलिस प्रसाशन के घर चोरी चोर दामाद बने थे।
जो भी हैं नाम बाला देखो सब के सब बदनाम है
चोरी.डकैतीए घूस.बजारी इनका ही तो काम है।
घोटाला और हवाला करने अपना संगी आया रे
ईस्ट इंडिया कंपनी ।
बी पी शर्मा बिन्दु
Writer Bindeshwar Prasad Sharma (Bindu)
D/O Birth 10.10.1963
Shivpuri jamuni chack Barh RS Patna (Bihar)
Pin Code 803214
बेहतरीन बिंदु जी ………………
Sukriya sir aapke prasansha ke liye.
बहुत खुबसूरत और लाजबाब बिंदु जी!
Thank you sir for your further reply.
देश के गुलामी से लेकर आजादी तक का खूबसुरत चित्रण किया है आपने !!
Sir,
Aap ki pratikriya ke hum sukra gujar hain.