This poem shows the emotions.
इस संसार में हम अकेले ही आये हैं, अकेले ही जाएंगे।
खाली हाथ आये थे और खाली हाथ जायेंगे।
पर इस जहां में अपनी यादें छोड़ जाएँगे।
लोगो की बातों में हमारा ही जिक्र होगा।
अपनों के ख्वाबो में हमारी तस्वीर होगी।
किसी के होंठों पर मुस्कुराहट
तो किसी की आँखों में आँसू बनकर नजर आएँगे।
इस तरह इस जहां में अपनी यादें छोड़ जाएँगे।
अपने नाम को एक पहचान देकर जाएँगे।
स्वाति नाम को लोगों की जुबां पर छोड़ जाएंगे।
काम कुछ ऐसा करके जाएंगे कि
यहाँ से जाने के बाद भी सबको बहुत याद आएँगे।
इस तरह इस जहां में अपनी यादें छोड़ जाएंगे।
By:Dr Swati Gupta
इंसान का ऐसा ही सोचना चाहिए. बहुत खूब……………….
Apka bahut bahut dhanyawad… Vijay Sir☺☺
bahut khub swati ji……………
Thanks a lot ..Mani ji
अति सुन्दर …………………
Thanks a lot…abhishek…
Waah…..zindagi ho toh aisi hi ho…..khoobsoorat bhaavon ko saadgi…sundarta se kya sajaaya hai aapne….behtareen…..
Babbu Sir…thanks for your nice comment..
स्वाती मैम क्या तारीफ करू, शब्द खोज रहा हूँ………………
क्या सोच है आपकी….. तारीफ तारीफ तारीफ…
Surendra Sir…thanks a lot for praising words.
I appreciate your lovely thoughts.
Shishir Sir…thanks a lot for your appreciating words.
जिंदगी एक सुदर याद बन जाये, बहुत अच्छी रचना है
Thanks a lot….Rinky..☺☺