# Sad for Bangladesh IS attack…
दया भी ना आती है इन मनुस्य रूपी नागो को,
पल भर में बुझा जाते है कितने घरों क चिरागों को ,
जान लेते है निर्दोशो का ये जिहाद के नाम पर ,
शर्म भी नहीं आती है इनको अपने ऐसे काम पर,
ना कोई धर्म है इनका ना कोई ईमान है,
आतंकवादी है जान लेते है बस यही इनकी पहचान है..
सोचते है करेंगे जो ऐसा तो बरसेगा रब का नूर,
मरने के बाद जन्नत मिलेगा साथ में अस्सी हूर,
मुर्ख है वो, वहम में है ,ग़लतफ़हमी का शिकार है ,
शायद भूल गए है ये की रब के बनाए बन्दे है सब सबसे रब को प्यार है ,
उनकी ऐसी गलतियों से शायद रब भी निराश होते होंगे,
देख के इन जालिमो की हरकत मन ही मन वो रोते होंगे,
सुन लो ऐ आतंकियों जन्नत क्या जहन्नुम भी ना तुम को होगी नसीब,
मरने के बाद तुम से बड़ा ना रब के पास होगा कोई भी बदनसीब……….
“अमर चन्द्रात्रै पान्डेय”
bahut khub amar ji……………….atankwad ka koi roop nahi na mahjab
Very nice and effective write amar.
Thanx sir……..
excellent ……………………… lajawaab , its very good message Amar Jee.
Aabhar Sir…………..
Bahut Aabhar Sir…………..
Bahut hi badiya sir, Aatankbad ke upar sidha prahar…….
Bahut bahut aabhar Sir………..
बहुत ही जरुरी विषय पर लिखा है आपने. बहुत खूब……………….
Thank you so much Sir……….
behtareen……….
Beautiful ..Amar …………….keep it up