पाॅच रतन के बने पिंजर से पं़क्षी गया पराय ए
चार कहार कुछ लोग संग इसको दिया जराय।।
कंाटे सी चुभने लगती जब अंत घडी आ जाता
पापों का फल इसी जनम में ऐसे ही मिल जाता।
घुट .घुट कर मरने से पहले कर्म बनाओं अच्छा
स्वग का चैन मिलेगा तुमको जाने जच्चा.बच्चा।
लालच बुरी बला है प्यारे तुम न पड़ना पीछे
धन.दौलत सब यहीं रहंेगा रह जाओगे नीचे।
इंसान हो इंसान बनो मानवता के तुम शान बनो
अच्छे अपने कर्मो के बल इस जग के महान बनो।
जब तक प्राण बचा है तेरा अनर्थ कुछ भी न करना
सत्य मार्ग और धर्मो के तुम अर्थ समझ कर रहना।
माया मोह के बंधन तोड़ो बुरी आदतों को तुम छोड़ो
जीवन कितना प्यारा यह है सबको ही प्र्रेम से जोड़ो।
प्यार भरा विश्वास जगाओं भव सागर पार हो जाओं
भ्रम में कभी न रहना साथी ऐसे दिलदार हो जाओं।
मुर्दे की अवाज यह सुनकर सबके सब घबराये
तेरा भी मरना निश्चित फिर क्यों तुम भरमाये।
बी पी शर्मा बिन्दु
Writer Bindeshwar Prasad Sharma (Bindu)
D/O Birth 10.10.1963
Shivpuri jamuni chack Barh RS Patna (Bihar)
Pin Code 803214
बहुत ही बढ़िया सन्देश…..क्या बात है…सोच की…..
Dil se bahut bahut aabhar babbu jee.
बहुत सुन्दर …………………
Bahut dher sara pyar bhra aabhar Abhishek jee.
प्यार भरा विश्वास जगाओं भव सागर पार हो जाओं
भ्रम में कभी न रहना साथी ऐसे दिलदार हो जाओं।
Wah………..Aapka kya kahna
Amar jee, aapka prem sar aankhon par.
Thank you sir,
बढ़िया सन्देश…..क्या बात है………………….
Bahut – bahut sukriya sir.
खूबसूरत सन्देश परक रचना ………..अति सुन्दर !!
Aapke bicharon ka main tahe dil se swagat karta huan.