About The Author
Born at Hapur, Uttar Pradesh. Studied at Meerut University and Banaras Hindu University. Currently working as Scientist in TIFAC, New Delhi and stays at Ghaziabad. Has hobby of writing both Hindi and English Poems. Published four Hindi poetry books titled, "Yadon Ke Nasoor" , "Rooh Ke Ehsaas" , "Nishaniyan" and “Tadap”, which are easily available online at various e-commerce sites such as flipkart and amazon etc. Few english poems have got international recognition and have been used by people in their presentations, articles and reserach work.
शिव कि महिमा अपरम्पार है , भत्ति कि शक्ति का अच्छा उदहारण !!
अति सुन्दर शिशिर जी….……….।।
Thanks a lot Nivatiya ji for kind words.
शिशिर जी जहाँ तक मैंने आपके भावो को समझा ..उसके अनुसार तात्पर्य था की शिव की कहिमा अपरम्पार है …………अर्थात आपने इस रचना में आपने “सत्यम शिवम सुंदरम” को दर्शाने का अर्थ बताने का प्रयास किया है ……….यदि मेरे समझने में कोई त्रुटि हुई तो कृपया …स्पष्ट करे !!
बहुत बहुत धन्यवाद आपका !!
निवातियाँ जी जब मैंने आपके रिस्पांस को दोबारा पढ़ा तो महसूस किया कि आपने बहुत काम शब्दों ने सब कुछ कह दिया. धन्यवाद आपका.
बिलकुल सही कहा सर आपने ……
आज इस कलयुग में झूठ के विष को भी लोग
अपने समुन्द्र रुपी मन में भर लेते ..
अंकिता रचना फिर पढ़े. जो मैं कहना चाह रहा हूँ वह अलग है.
शिव शक्ति को नमन ……………………………. बहुत ही बढ़िया मधुकर जी !!
सर्वजीत रचना समझने और सराहने के लिए हार्दिक आभार
बहुत ही बढ़िया मधुकर जी
धन्यवाद अंकित जी…………….
खूबसूरत रचना शिशिर जी !
हार्दिक आभार मीना जी ………..
शिव – जड़ चेतन का रूप जो कण कण मैं है….जो रूप वैराग का भसम धारी का….कीचड में कमल जैसे…..अनन्त निरिलिप्त शान्ति का सन्देश…जब ऐसा हो अंदर बाहर से भेष तो ज़हर भी अमृत हो जाए…तभी वो नीलकंठ कहलाए…..आप की रचना….आनंद आ गया…कमाल ही कमाल…..शब्द नहीं हैं….नमन स्वीकार करें…….
Thank you Babbu ji for your beautiful response.
Shandar……………Sir mere pass sabd nahi hai ……….
धन्यवाद अमर ………………….
Bahut hi lajawab composition..????
डॉ. स्वाति तहे दिल से आपकी प्रतिक्रिया का शुक्रिया
जय शिव ओमकारा…………………भगवान शिव ने सृष्टि बसाने के लिए कल्पों तक कष्ट सहा है और योगी के रूप में ही जीवन व्यतीत किया है. बहुत ही अच्छे भाव………अति सुन्दर.
रचना पढ़ने के लिए आभार विजय