उलझन
बहुत ही उलझन सी हो गयी है
अपनी मोहब्बत भरी ज़िंदगी में
ना जाने क्यूँ वो बार बार रूठ जाते हैं
मुझे बार बार मनाना पड़ता है
अब अपने दर्दे दिल की दास्तां
क्या बयां करूँ मैं दोस्तों
आजकल तो हर रोज़ सुबह शाम
उनका कुत्ता भी घुमाना पड़ता है
शायर : सर्वजीत सिंह
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वाह सर्वजीत जी बहुत खूब……………….
बहुत बहुत शुक्रिया ……………………….. मनी !!
बहुत खूबसूरत…………………………
बहुत बहुत धन्यवाद ……………………. आदित्य जी !!
अभी अगर कुत्ता घुमाने से काम हो जा रहा है तो चिंता की कोई बात नहीँ है सर्वजीत
अभी से चिंता तो करनी पड़ेगी ना, कहीं आगे जा कर बात खराब ना हो जाये …………………………. बहुत बहुत शुक्रिया मधुकर जी !!
दिल के जज्बातो को क्या हास्य व्यंगात्मक रूप दिया है …… उनका कुत्ता बताकर प्यार को आधा कर दिया आपने …..शायद यही मामले की जड़ है ……हाहाहाहाहा …….बहुत खूब सर्वजीत जी !!
मामला कहीं बिगड़ ना जाये, उसको संभालने के लिए ही उनका कुत्ता घुमना पड़ रहा है ……………………………. तारीफ के लिए तहे दिल से शुक्रिया निवातियाँ जी !!
वाह बहुत खूब सर ,….. अच्छी हास्यपद और कलयुगी सत्य रचना
प्रशंसा के लिए आपका हार्दिक आभार ……………. अंकिता जी !!
Bahut khub kutte ki to mauj ho gayee
कुत्ते की मौज हो गयी पर हमारी हालत तो खराब हो गयी ना, मोहब्बत में ना जाने क्या क्या करना पड़ता है ………………………………………….. प्रशंसा के लिए आपका हार्दिक आभार यादव जी !!
Hahaha hahaha….aapki kalam ka kamaal hai ki main hinglish mein mobile se likh raha wait nahin kar paaya….madhukarji ka kahna sahi hai ki jab tak kutta ghumaane se kaam ho raha toh chinta nahin…haan kutta kisi din akad gaya na jaane ko toh bahut uljhan….aap ke liye laajwaab toh reserve permanently…….
जिस दिन कुत्ता अकड़ गया तो हम भी अकड़ जाएंगे और उसको घुमा के ही छोड़ेंगे —————- नहीं तो उसकी मालकिन हमें ही घुमाती रहेगी ……………………. तारीफ के लिए तहे दिल से शुक्रिया शर्मा जी हमेशां की तरह !!
बहुत खूब……………….सर्वजीत जी
बहुत बहुत धन्यवाद …………………… अंकित जी !!
हा हा हा वाह बहुत खूब…………………सर्वजीत जी
आपका बहुत बहुत आभार ……………….. अभिषेक !!
हास्यपद……वाह बहुत खूब…………सर्वजीत जी
आपका बहुत बहुत आभार ……………….. अमर जी !!
क्या खूब लिखा है आपने. दिल की दास्तान. बहुत खूब……………….
बहुत बहुत धन्यवाद आपका ………………………… विजय जी !!
Wah wah.
Bahut khoob
आपका बहुत बहुत आभार ……………………….. स्वाति जी !!
अभी तक तो मै समझता था कि आप गम्भीर शायरी के बादशाह है पर आज पता चला कि आप हास्य भी अच्छा पैदा कर लेते है…………..अपनी रचना मे
तारीफ के लिए तहे दिल से शुक्रिया …………………………. सुरेन्द्र जी !! इसी तरह की एक और रचना —उनकी मोहब्बत —— पर गौर कीजिये !!