तूं मेरी कब्र पे आना, मैं तुझसे बातें करूँगा,
रात में जागूँगा, दिन में जागूँगा, हर-पल तेरी राह तकूंगा,
तूं मेरी कब्र पे आना, मैं तुझसे बातें करूँगा,
मोमबत्तियां न जलाना कोई, कोई दिया भी न जलाना,
आंसू की एक बूंद भी भूलकर न गिराना,
बस एकबार प्यार से मुस्कुरा देना,
बस इतने से मैं खुश हो जाऊंगा,
तूं मेरी कब्र पे आना, मैं तुझसे बातें करूँगा,
कोई तस्वीर न रखना कहीं मेरी,
कोई देख लगा शक करेगा,
बस एक बार आँखे बंद कर,
मुझे देख लेना, मैं तुम्हें देख लूंगा,
तूं मेरी कब्र पे आना, मैं तुझसे बातें करूँगा,
मरने के बाद मिलेंगे जन्नत में,
बहुत-सी हसीनाएँ होंगी वहां महफ़िल में,
पर नजरें तुम्हें ही ढूंढेंगी, पर नजरें तुम्हें ही ढूंढेंगी,
तुम आना उसी तरह जैसे पहली बार मिली थीं,
अपनी पसंद पर मैं नाज करूँगा,
तूं मेरी कब्र पे आना, मैं तुझसे बातें करूँगा…………!!
जब मैं आपकी कविता पढ़ रहा था तो एक चित्र बिलकुल साथ-साथ दिमाग में चल रहा था. बहुत अच्छा लिखा है आपने. खासकर यह पंक्ति मुझे बहुत पसंद आई..
“बस एक बार आँखे बंद कर,
मुझे देख लेना, मैं तुम्हें देख लूंगा,”
प्रेम को जिस ऊंचाई पर पहुंचाने की आपने कोशिश की है..वह काबिल-ए-तारीफ़ है.
धन्यवाद श्रीमान ! बस यूँ ही कभी कलम ने साथ दिया और लिख दिया……
Beautiful love feeling ……..
धन्यवाद श्रीमान ! बस यूँ ही कभी कलम ने साथ दिया और लिख दिया……
Sundar………
धन्यवाद श्रीमान ! बस यूँ ही कभी कलम ने साथ दिया और लिख दिया……
Beautiful ………………..
धन्यवाद श्रीमान ! बस यूँ ही कभी कलम ने साथ दिया और लिख दिया……
अत्यन्त भावुक, खूबसूरत, दर्द समेटें हुए प्रीत रचना.अति उत्तम .
धन्यवाद श्रीमान ! बस यूँ ही कभी कलम ने साथ दिया और लिख दिया……
कोई तस्वीर न रखना कहीं मेरी,
कोई देख लगा शक करेगा,
बस एक बार आँखे बंद कर,
मुझे देख लेना, मैं तुम्हें देख लूंगा,
तूं मेरी कब्र पे आना, मैं तुझसे बातें करूँगा,
Bahut hi umda sir
धन्यवाद श्रीमान ! बस यूँ ही कभी कलम ने साथ दिया और लिख दिया……
very heart touching lines……………………………
धन्यवाद श्रीमान ! बस यूँ ही कभी कलम ने साथ दिया और लिख दिया……