नहीं चाहिये मन्दिर-मस्जिद
ना गीता, ना कुरान हमे
नहीं चाहिये धन व दौलत
ना इंसानियत की जान हमे !!
ना आतंक हो,ना डर का साया
कुछ ऐसा चाहिये, इन्तेजाम हमे
मिलजुल कर, रह हम सके जहां पर
ऐसा प्यारा चाहिये, हिन्दुस्तान हमे !!
पढ़-लिख, हम शिक्षित हो पाये
ऐसी सुविधा चाहिये, आज हमे
आराम से, जी सके जीवन अपना
कुछ करने को चाहिये, काम हमे !!
शांत,सुरक्षित देश हो अपना
हर व्यक्ति पर हो अभीमान हमे
देख हमारे देश की प्रगति
विश्व की हो पहचान हमसे !!
कुछ ऐसा चाहिये प्यारा हिन्दुस्तान हमे!!
!! जय हिन्द-जय भारत !!
आपको जो जो चाहिए सब मिलेगा एक बार “आओ मिलकर देश सजाएँ” भी पढ़ें.
Thanks विजय कुमार सिंह Ji…
Nice feelings……….
Thanks Shishir Ji…
Very nice sir………
Thanks Amar Chandratrai Ji…
good one…………………..
Thanks Mani Bhai….